अम्बाला:अशोक शर्मा। अम्बाला छावनी के शिव उद्योग मंदिर, इंडस्ट्रियल एरिया जगाधरी रोड पर शिव मंदिर द्वारा शिवरात्रि हर वर्ष मनाई जाती है। श्रावण मास में शिवरात्रि में कावड़ियों की पिछले सताइस वर्ष से सेवा की जा रही है। मंदिर की व कावड़ सेवा में भक्त पप्पू जो नजदीक ही पिछले 30 वर्ष से अपना चाय का स्टाल चले है अपनी अपार भक्ति शिव के प्रति रखते हुई ये सेवा करते आ रहे है। इस मे उन के साथ सुरिंदर सिन्नदा, अनिल जैन, मगन रस्तोगी, धीमन, व अशोक शर्मा सहयोगी साथ निभा रहे है। कावड़ शिव के जलाभिषेक के लिए पैदल यात्रा करते हैं, उन्हें कांवड़िया कहा जाता है। उन सभी के लिए विश्राम, जलपान व खानपान का इन्तजाम निरंतर किया जा रहा है।
कावड़ यात्रा भगवान शिव के प्रति भक्तों की भक्ति और समर्पण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
ऐसी मान्यता है कि कावड़ यात्रा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
कावड़ यात्रा के दौरान, भक्त शुद्ध और पवित्र रहने का प्रयास करते हैं, और मांस, मदिरा, और तामसिक भोजन से दूर रहते हैं।
कावड़ यात्रा एक-दूसरे के प्रति समर्पण और भाईचारे की भावना को भी दर्शाती है।
अशोक शर्मा ने बताया, ऐसा कहा जाता है कि गंगाजल के शीतल प्रभाव से शिव जी को विष की पीड़ा से राहत मिली। माना जाता है कि रावण की इस शिवभक्ति और समर्पण भाव ने कांवड़ यात्रा की परंपरा को जन्म दिया।




