हवाई हमले की पूर्व सूचना देने,चेतावनी प्रणाली को सक्रिय करने और ब्लैक आउट के निर्देशों की प्रभावी पालना के लिए प्रदेश के 41 जिलो में मॉक ड्रिल आयोजित
जयपुर,(सुरेन्द्र कुमार सोनी) । देश में किसी आपात स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की तैयारियों का आकलन करने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय और राजस्थान सरकार के निर्देशों के अनुसार प्रदेश के सभी 41 जिलो में बुधवार को विभिन्न स्थानों पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य रूप से हवाई हमले की पूर्व सूचना देने के लिए चेतावनी प्रणाली को सक्रिय करने, आग लगने अथवा बिल्डिंग के क्षतिग्रस्त हो जाने पर पीड़ितों के बचाव की कार्यवाही के निर्देशों की प्रभावी पालना करने का‘अभ्यास’ सफलतापूर्वक किया गया। मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने बताया कि कई स्थानों पर दिन में करीब 4 बजे नागरिक सुरक्षा के लिए चेतावनी प्रणाली को दुरस्त करने का पूर्वाभ्यास किया गया। सभी स्थानों और जिलों पर मॉक ड्रिल में स्थानीय प्रशासन के साथ नागरिक सुरक्षा, पुलिस, होमगार्ड, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, नगर परिषद, पेयजल और विद्युत विभागों, स्थानीय शिक्षण संस्थाओं से जुड़े एनसीसी कैडेट और स्काउट गाइड स्वयंसेवकों के साथ ही रेलवे, बीएसएनएल सहित अन्य संगठनों ने भागीदारी की। इस अभ्यास में अधिकारियों-कार्मिकों के साथ ही आम लोग भी सक्रियता से जुड़े और अपनी अपेक्षित भूमिका निभाई। सुरक्षा पूर्वाभ्यास के दौरान अलग-जिलों में अलग-अलग आकस्मिक परिस्थितियों में सुरक्षा तंत्र को सक्रिय करने, यथा किसी स्थान पर आग लगने, किसी भवन के ढहने पर नागरिकों के मलबे में दब जाने, हवाई हमला होने आदि की स्थिति में प्रशासनिक और सुरक्षा बेड़े द्वारा नागरिक सुरक्षा प्रोटोकाल का जीवंत प्रदर्शन किया गया। साथ ही, नागरिक सुरक्षा एवं अग्निशमन कार्यबलों द्वारा राहत एवं बचाव कार्य के साथ-साथ घायलों को एम्बुलेंस के जरिए अस्पतालों तक पहुंचाने और उनका इलाज शुरू करने तथा मलबे में फंसे लोगों के निकासी योजना,प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का भी बखूबी अभ्यास किया गया।
श्री पंत के अनुसार, सुरक्षा पूर्वाभ्यास के दौरान हवाई हमले की चेतावनी का सायरन बजने पर आम लोगों की प्रतिक्रिया और सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ के प्रबंधन आदि गतिविधियों का भी अभ्यास किया गया। उन्होंने मॉक ड्रिल के समय आम लोगों के भयभीत नहीं होने तथा संयमित व्यवहार करने की अपील की। उन्होंने बताया कि इस पूरी कार्रवाई का उद्देश्य किसी भी हमले या आपात स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, प्रशासन और आमजन को विकट स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित करना और इस स्थिति के आवश्यक संसाधनों की सक्रियता एवं उपलब्धता का आकलन करना है। इस अभ्यास के बाद राज्य सरकार हर जिले में आपात स्थिति में घटना के लिए स्थानीय प्रशासन के रेस्पान्स टाइम का आकलन करेगी। इससे सरकार को जिला प्रशासन के साथ मिलकर जरूरी संसाधनों की व्यवस्था करने तथा अपनी कार्यक्षमता को बढ़ाने का अवसर मिलेगा।
श्री पंत ने बताया कि दिन में हुए नागरिक सुरक्षा पूर्वाभ्यास के बाद, रात्रि के दौरान भी हवाई हमले की स्थिति में शहरी और ग्रामीण सहित पूरे राज्य में अलग-अलग समय पर ब्लैक आउट का अभ्यास किया गया। उन्होंने प्रदेश के सभी नागरिकों को मॉक ड्रिल के दौरान अपेक्षित भूमिका निभाने के लिए धन्यवाद दिया और ऐसी किसी अन्य अभ्यास में भी सक्रिय भागीदारी की अपील की। उन्होंने कहा कि आम लोग भविष्य में भी ब्लैक आउट और आपातकालीन सायरन की आवाज सुनते ही सभी निजी और सार्वजनिक संस्थानों, घरों की रोशनी, रोड लाइट, परिवहन साधनों द्वारा रोशनी बंद रखकर राष्ट्रीय सुरक्षा के अभ्यास में अपना योगदान दें।