चंडीगढ

मुख्यालय पश्चिमी कमान में भारतीय सेना और सीमा सुरक्षा बल का वार्षिक तालमेल सम्मेलन आयोजित

मनोज शर्मा,चंडीगढ़। भारतीय सेना और सीमा सुरक्षा बल वार्षिक तालमेल सम्मेलन 2025  मुख्यालय पश्चिमी कमान में आयोजित किया गया,जिसमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ),पंजाब और जम्मू फ्रंटियर और भारतीय सेना (पश्चिमी कमान) के वरिष्ठ नेतृत्व को एक साथ लाया गया। सम्मेलन का उद्देश्य परिचालन तालमेल को और बढ़ाना,संयुक्त कौशल को मजबूत करना और पश्चिमी क्षेत्र में सीमा प्रबंधन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करना था। बैठक की सह-अध्यक्षता लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार,  पीवीएसएम,एवीएसएम,सेना कमांडर ,पश्चिमी कमान और सतीश एस.खंडारे ,आईपीएस,एडीजी,मुख्यालय विशेष डीजी बीएसएफ (पश्चिमी कमान) ने की।

सम्मेलन में सीमा प्रबंधन में आने वाली चुनौतियों का विस्तृत विश्लेषण किया गया,जिसमें ऑपरेशन सिंधुर के हालिया परिचालन अनुभव पर विशेष ध्यान दिया गया। दोनों सेनाओं के वरिष्ठ कमांडरों ने ऑपरेशन के दौरान प्राप्त सामरिक और रणनीतिक अंतर्दृष्टि साझा की,जिसमें गतिशील परिस्थितियों में समन्वय,भूभाग का दोहन और तेजी से निर्णय लेने जैसे क्षेत्रों पर प्रकाश डाला गया। इस ऑपरेशन से प्राप्त सबक को भविष्य की सीमा आकस्मिकताओं के लिए तैयारी, अनुकूलनशीलता और प्रतिक्रिया तंत्र को बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से संस्थागत बनाया जा रहा है।

 

इन जानकारियों के आधार पर,सम्मेलन में कई संयुक्त पहलों पर विचार-विमर्श किया गया,जिनका उद्देश्य अधिक परिचालन तालमेल को बढ़ावा देना था। इनमें एकीकृत मिशनों के दौरान अनुकूलता और निर्बाध समन्वय सुनिश्चित करने के लिए बीएसएफ और सेना इकाइयों के बीच प्रशिक्षण प्रोटोकॉल और उपकरण प्रोफाइल का सामंजस्य शामिल था। चर्चा में आगे के क्षेत्रों में संसाधन साझाकरण और आपूर्ति श्रृंखला दक्षता बढ़ाने के उपायों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।

 

तालमेल बढ़ाने के लिए पिछले अभ्यासों के आधार पर,परिचालन संरचनाओं में सुरक्षित,वास्तविक समय की सूचना के आदान-प्रदान को सक्षम करने के लिए एक संचार वास्तुकला पर विचार-विमर्श किया गया। बढ़ते हवाई खतरों,विशेष रूप से छोटे मानव रहित हवाई प्रणालियों से,के मद्देनजर,दोनों सेनाओं ने निगरानी प्लेटफार्मों और काउंटर-ड्रोन क्षमताओं के एकीकरण की भी खोज की,जिसका उद्देश्य स्तरित हवाई क्षेत्र रक्षा तंत्र को बढ़ाना है।

अप्रैल 2024 में पिछले सम्मेलन के बाद की गई विभिन्न पहलों पर संतुष्टि का एहसास हुआ,क्योंकि संयुक्त प्रशिक्षण, संचार प्रोटोकॉल की स्थापना से संयुक्त संचालन क्षमता में वृद्धि हुई,जिसका परीक्षण ऑपरेशन सिंधुर के दौरान किया गया। समन्वित रक्षात्मक लड़ाई लड़ने के लिए संयुक्तता बढ़ाने के लिए ड्रोन,सी-यूएवी,निगरानी और संचार जैसे तालमेल के नए क्षेत्रों की पहचान की गई।

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार, पीवीएसएम, एवीएसएम,जीओसी-इन-सी,मुख्यालय पश्चिमी कमान ने अपने समापन भाषण में संयुक्त सुरक्षा बल संस्कृति विकसित करने के दीर्घकालिक दृष्टिकोण पर जोर दिया,निरंतर सहयोग और संयुक्तता की भावना के महत्व को दोहराया। उन्होंने सीमा की अखंडता को बनाए रखने में बीएसएफ और सेना दोनों के प्रयासों की सराहना की और आधुनिक और उभरते खतरों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए निरंतर सहयोग का आह्वान किया।

भारतीय सेना-बीएसएफ वार्षिक तालमेल सम्मेलन सामूहिक प्रयास, परिचालन उत्कृष्टता और एकीकृत संकल्प के माध्यम से भारत की सीमा सुरक्षा संरचना को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता रहेगा।

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *