हरियाणा

नेट–जेआरएफ स्कॉलरों से एचपीएससी द्वारा किया गया मज़ाक – विक्रम कादयान

Bahadurgarh Lokhit Express Bureu Chief (Gaurav Sharma)

हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) द्वारा अंग्रेज़ी विषय के असिस्टेंट प्रोफेसरों के परिणाम घोषित किए जाने पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यूजीसी द्वारा नेट और जेआरएफ क्वालिफाई कर चुके अनेक योग्य और प्रतिभाशाली युवाओं को एचपीएससी द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया गया, जिसे युवा प्रतिभाओं के साथ खुला मज़ाक बताया जा सकता है। यह प्रतिक्रिया एचपीएससी द्वारा यह कहे जाने के संदर्भ में आई है कि अंग्रेज़ी विषय में पर्याप्त योग्य उम्मीदवार नहीं मिले और सीटें खाली रह गईं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विक्रम कादयान ने कहा कि एक ओर हरियाणा सरकार अधिसूचना जारी कर यह दावा करती है कि कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में केवल पीएचडी, नेट और जेआरएफ योग्य स्कॉलर्स ही पढ़ाएंगे, वहीं दूसरी ओर वही योग्य उम्मीदवार एचपीएससी द्वारा अयोग्य ठहराए जा रहे हैं। यह दोहरा मापदंड न केवल युवाओं के साथ अन्याय है, बल्कि इससे प्रदेश के शिक्षित बेरोज़गारों में गहरी हताशा और निराशा फैल रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की धरती सदैव विद्वानों, बुद्धिजीवियों और प्रतिभासंपन्न लोगों की रही है। यहां ऐसे-ऐसे अंग्रेज़ी के विद्वान हुए हैं जिनकी विद्वत्ता राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानी गई है। इसके बावजूद यह कहना कि हरियाणा में अंग्रेज़ी के योग्य असिस्टेंट प्रोफेसर नहीं मिले, प्रदेश की जनता और यहां की शैक्षणिक परंपरा का अपमान है। विक्रम कादयान ने एचपीएससी द्वारा घोषित परिणामों की न्यायिक जांच की मांग करते हुए कहा कि विषय के पेपर में केवल न्यूनतम पास अर्हता के आधार पर चयन करने के बजाय टॉपर और मेरिट के आधार पर चयन होना चाहिए। कठिन पेपर होने की स्थिति में स्वतः ही योग्य और अयोग्य की छंटनी हो जाती है। मौजूदा चयन प्रक्रिया से न केवल सरकारी संसाधनों की बर्बादी होती है, बल्कि युवाओं में हीन भावना (इन्फीरियरिटी कॉम्प्लेक्स) भी पैदा होती है, जिससे वे राष्ट्रीय मुख्यधारा से कटने को मजबूर हो जाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रकार के संशयपूर्ण परिणामों से यह संदेह भी पैदा होता है कि चयन प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है। कांग्रेस पार्टी हरियाणा के युवाओं के साथ हो रहे इस अन्याय को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी। यदि सरकार ने समय रहते हस्तक्षेप कर न्याय नहीं किया, तो युवा सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। अंत में विक्रम कादयान ने सरकार से अपील की कि वह एचपीएससी की चयन प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच कराए और योग्य युवा प्रतिभाओं के साथ न्याय सुनिश्चित करे, ताकि प्रदेश का भविष्य सुरक्षित रह सके।

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