हरियाणा

जेडके डब्लूयु लाइटिंगस लिमिटेड कंपनी द्वारा आँखो का निःशुल्क जाँच कैंम्प का हुआ आयोजन

Bahadurgarh Lokhit Express Bureau Chief (Gaurav Sharma)

*लोगो को निःशुल्क वितरित किए चश्मे… 250 के लगभग वाहन चालकों ने लाभ उठाया* 
*जेडके डब्लूयु लाइटिंगस लिमिटेड कंपनी का उद्देश्य आँखो का निःशुल्क कैंम्प, सड़क दुर्घटनाऔ को कम करना, वाहन चालकों को जागरूक आदि है*
बहादुरगढ़। शहर की छोटूराम धर्मशाला मे जेडके डब्लूयु लाइटिंगस लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर राजेश जैन द्वारा आँखो का निःशुल्क जाँच कैंम्प का आयोजन किया गया।  अरुणोदया डेजर्ट आई हॉस्पिटल की डॉक्टरो की टीम द्वारा लोगो की जाँच की गईं। 250 के लगभग वाहन चालकों व लोगो ने आँखों की जाँच करवाकर कैंम्प का लाभ उठाया। लोगो को निःशुल्क चश्मे वितरित किए।  जेडके डब्लूयु लाइटिंगस लिमिटेड कंपनी जरनल मैनेजर राजीव जिंदल ने कहा कि आँखें सिर्फ एक अंग नहीं, बल्कि जीवन का वह अमूल्य हिस्सा हैं जो हमें दुनिया का अनुभव करने का अवसर देती हैं। इनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना, संतुलित आहार लेना और बुरी आदतों से बचना हमारे जीवन की गुणवत्ता के लिए बेहद ज़रूरी है। हम सभी जानते हैं कि आंखें केवल शरीर का अंग नहीं, बल्कि जीवन का वह अमूल्य उपहार हैं जिनसे हम इस संसार की हर सुंदरता को देख पाते हैं। परंतु सोचिए, उन लाखों लोगों के बारे में जो जन्म से या किसी दुर्घटना/बीमारी के कारण अपनी दृष्टि खो चुके हैं। उनके लिए अंधकार केवल एक शब्द नहीं, बल्कि जीने की मजबूरी है।
उन्होंने कहा कि जेडके डब्लूयु लाइटिंगस लिमिटेड कंपनी का आँखो का निःशुल्क कैंम्प लगाने का उद्देश्य है, सड़क दुर्घटनाऔ को कम करना, वाहन चालकों को जागरूक करना और उनकी समय- समय पर नेत्र जाँच की जाँच करवाना। समाज में नेत्रदान के महत्व को समझाना, लोगों को इसके लिए प्रेरित करना और अंधकारमय जीवन जी रहे लाखों भाइयों-बहनों के जीवन में प्रकाश फैलाना है। प्लांट हैड संजीव मिघलानी ने कहा कि नेत्रदान वह पुण्य कार्य है जो मृत्यु के बाद भी जीवन देता है। एक व्यक्ति के नेत्रदान से दो नेत्रहीनों को नई दृष्टि मिल सकती है। इसका अर्थ है, हमारे जाने के बाद भी हमारी आंखें किसी और के जीवन को रौशन कर सकती हैं। यह न केवल मानवीय संवेदनाओं की चरम अभिव्यक्ति है बल्कि समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी है। उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता है कि हम इस नेक कार्य को जनआंदोलन का स्वरूप दें। जैसे रक्तदान ने समाज में जीवन बचाने की संस्कृति को जन्म दिया, वैसे ही नेत्रदान भी दृष्टिहीनता के अंधकार को मिटाने की शक्ति रखता है। संजीव मिघलानी ने कहा कि हमें परिवार, दोस्तों, पड़ोसियों और समाज के हर वर्ग तक यह संदेश पहुंचाना होगा कि नेत्रदान कोई कठिन या जटिल प्रक्रिया नहीं है, बल्कि एक संकल्प है जो भविष्य बदल सकता है। इस अवसर पर डॉक्टर अंकित द्ववेंदी, डॉ अमित उपाध्याय, मैनेजर सुभाष यादव, समाजसेवी मुकेश मित्तल, अशोक गौतम, प्रवेश मुदगिल, राजेश अरोड़ा, रमेश साहरन, हरदीप दलाल, राजकुमार, रवि शंकर, डिम्पी, संदीप  वशिष्ट आदि कर्मचारी मौजूद रहे।

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