छत्तीसगढ़

रायपुर_छत्तीसगढ़ की राजनीति के सबसे प्रखर और लोकप्रिय चेहरों में शुमार,जननेता,मास लीडर,और रायपुर के सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल जी के जन्मदिन पर उन्हें बधाइयों का तांता लगा है “भैया से रिश्ता कोई राजनीतिक नहीं, यह आत्मीयता का रिश्ता है” – गुरुचरण सिंह होरा

रायपुर_बृजमोहन अग्रवाल जी के जन्मदिवस पर उन्हें शुभकामनाएं देते हुए सीजी टेनिस एसोसिएशन के महासचिव एवं ग्रैंड ग्रुप के चेयरमैन गुरुचरण सिंह होरा भावुक हो उठे उन्होंने प्रेस वार्तालाप पर लोकहित एक्सप्रेस न्यूज़ को बताया कि मैंने राजनीति में बहुत लोगों को देखा पर भैया जैसा जननेता दूसरा नहीं देखा वे केवल भाषण नहीं देते लोगों के दिल में उतर जाते हैं मैं कॉलेज के दिनों से उनके साथ रहा हूँ। उन्होंने छात्र जीवन में साथ संघर्ष किया नारे लगाए लाठियां खाईं पर एक बात जो तब भी दिखती थी और आज भी जस की तस है_वो है भैया की जनता के लिए जीने की जिद’।

भैया के लिए नेता होना कोई पद नहीं, सेवा का माध्यम है चाहे किसी मोहल्ले में बत्ती बंद हो जाए या किसी गरीब के घर में इलाज के पैसे न हों—भैया को खबर मिलती है तो वे खुद दौड़ते हैं एक बार रात 12 बजे एक बुज़ुर्ग महिला का फोन आया दवाई नहीं थी घर में हम सब थक चुके थे दिनभर के काम से पर भैया ने ड्राइवर को बुलाया खुद दवाई लेकर उस घर तक पहुँचे यही है उनका स्वभाव जनता पहले आराम बाद में श्री बृजमोहन भैया को कोई यूं ही नहीं ‘भैया’ कहता है ये नाम नहीं, विश्वास है जनता उन्हें अपना नेता नहीं अपना परिवार मानती है मैंने देखा है कैसे वे अपने विधानसभा क्षेत्र के हज़ारों कार्यकर्ताओं के सुख-दुख में ऐसे शामिल होते हैं जैसे घर का बड़ा भाई। शादियों में भैया बारात में सबसे पहले पहुंचते हैं, और अंतिम संस्कार में सबसे आखिर तक खड़े रहते हैं। शायद यही कारण है कि कोई उन्हें नेता नहीं कहता—सब उन्हें ‘भैया’ कहकर पुकारते हैं यह संबोधन खुद में एक आशीर्वाद है, एक विश्वास का नाम है उनका नेतृत्व जनसंपर्क नहीं, जनसंबंध है स्कूल का बच्चा हो या उद्योगपति सबके लिए उनके दरवाज़े खुले रहते हैं मैंने यह भी देखा है कि सत्ता में होने के बावजूद भैया के अंदर कभी अहंकार नहीं आया वे आज भी उतने ही सरल हैं जितने 90 के दशक में थे भैया का जीवन उन सब युवाओं के लिए प्रेरणा है जो राजनीति में सेवा का भाव लेकर आना चाहते हैं उन्होंने हमें सिखाया कि राजनीति अवसर नहीं, उत्तरदायित्व है आज उनका जन्मदिन है तो यह केवल उनके लिए नहीं हम सबके लिए भी गौरव का दिन है हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारे जीवन में बृजमोहन भैया जैसे मार्गदर्शक हैं होरा जी और बृजमोहन अग्रवाल के रिश्ते की गहराई 40 वर्षों से भी अधिक पुरानी है कॉलेज के दिनों से ही उनके साथ रहे होरा जी बताते हैं कि मैंने एक कार्यकर्ता से जननायक बनने तक भैया का सफर बहुत करीब से देखा है राजनीति के इस विराट पुरुष का सफर किसी महाकाव्य से कम नहीं रहा

1990 में पहली बार रायपुर टाउन सीट से विधायक चुने गए।

1993 और 1998 में उसी सीट से दोबारा जीत दर्ज की।

2003 में छत्तीसगढ़ बनने के बाद फिर विधायक बने और गृह, जेल, संस्कृति, पर्यटन जैसे अहम मंत्रालयों का जिम्मा संभाला।

2008 में रायपुर शहर दक्षिण से चुनाव लड़े और 65,686 मतों से ऐतिहासिक जीत दर्ज की तब से लगातार चार बार इसी सीट से जीतते आए 2018 में 77,589 वोटों से जीतकर विधायक बने और

2023 में, लगातार आठवीं बार विधायक बनकर जनता के रिकॉर्ड समर्थन को सिद्ध किया।

2024 का लोकसभा चुनाव इस जननायक के लिए सुनहरे अक्षरों में दर्ज हुआ रायपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में उन्होंने कांग्रेस के विकास उपाध्याय को 5.75 लाख से अधिक वोटों से हराकर देश की सबसे बड़ी जीतों में से एक दर्ज की यह केवल चुनावी जीत नहीं, जनता के भरोसे का सर्टिफिकेट था होरा जी ने कहा—“भैया अब सिर्फ नेता नहीं, एक संस्था हैं उनमें एक साथ कर्म, करुणा और नेतृत्व की पराकाष्ठा है। उनका जन्मदिन सिर्फ एक तारीख नहीं, हम जैसे हज़ारों कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा का दिन है।”

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