गोरखपुर (एके जायसवाल), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील है कि जाति-आधारित गणना करने के लिए अध्यादेश जारी कराएं आपने स्वयं घोषण किया था कि जाति आधारित जनगणना कराई जाएगी यह मुद्दा आपकी प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है।
जाति-आधारित जनगणना पारदर्शिता के साथ होने के लिए सबसे पहले सवर्ण, पिछड़ा, दलित एवं आदिवासियो के लिए भी आवश्यकता अनुसार कालम बढ़ाई जाए भारत सरकार के महालेखाकार एवं जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण से भीअपील है कि जनगणना मे आवश्कता अनुसार कालम और बढाई जाय।
पिछड़े समाज के सभी संगठनों के लोगों से अनुरोध है कि अपने-अपने संगठनो के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह से भी अपील करें कि भारत सरकार के महालेखाकार एवं जनगणना आयुक्त को जाति-आधारित गणना हेतु अध्यादेश जारी करने का निर्देशित किया जाय। कि जनगणना के साथ ही जाति-आधारित जनगणना भी कराई जाएगी। जबकि गृहमंत्रालय के प्रवक्ता का ब्यान अखबारों में प्रकाशित हुआ था कि जनगणना के साथ ही जाति-आधारित जनगणना होगी किंतु प्रवक्ता का नाम अखबारों मे अंकित नहीं की गई है।
जबकि आपने खुद घोषणा किया था कि जाति-आधारित जनगणना कराई जाएगी किंतु आधिसूचना जारी नहीं हुई है इसलिये आप से पुनः अपील की गई है। उक्त ब्यान अखिल भारतीय कलवार कलाल कलार जायसवाल महासभा के राष्ट्रीय महासचिव ध्रुवचन्द जायसवाल ने लिखित में जारी किया।
ध्रुवचन्द जायसवाल ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान सत्ता पक्ष के सांसदों पिछड़े दलित आदिवासी से अनुरोध किया जायेगा कि जाति-आधॎरित जनगणना के लिए अध्यादेश जारी करने की अपील करते हुए पारदर्शी तरीके से जाति-आधारित जनगणना कराई जाय। स्मरण रहे कि 1931 के जनगणना के अनुसार पिछड़ों की जनसंख्या 52% था किन्तु मात्र 27% प्रतिशत तक ही आरक्षण मिला है उच्च शिक्षण संस्थानों एवं उच्च चिकित्सा संस्थानों मे पिछड़ों की संख्या नग्ण है कहीं-कहीं महत्वपूर्ण विभागों मे भी पिछड़ों की संख्या 27% प्रतिशत से बहुत कम है।
सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि पिछड़े आईएएस एवं आईपीएस 27% प्रतिशत से भी काम है जबकि 1931की जनगणना के अनुसार जनसंख्या 52% प्रतिशत है जबकि वर्तमान समय अनुमानित जनसंख्या 60% है।
जिलों मे की पोस्टिंग नहीं के बराबर है इसलिए पिछड़े समाज के कई संगठनों व्दारा कई दशकों से जाति-आधारित जनगणना की मांग कर रहे थे। किन्तु अधिसूचना जारी नही होने से खासकर पिछड़ों मे संशय/उहापोह की स्थिति उत्पन्न हो रही है इसलिए केन्द्र सरकार शीघ्र जाति आधारित जनगणना की भी अधिसूचना जारी करा देनी चाहिए।





