पंचकूला। डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जयंती की पूर्व संध्या पर पंचकूला के सेक्टर 12ए स्थित अंबेडकर भवन में एक गरिमामय श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया।
इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पंचकूला नगर निगम के मेयर श्री कुलभूषण गोयल और भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष, वार्ड नंबर 16 से पार्षद एवं मां चंडी मंडल के मंडल अध्यक्ष राकेश बाल्मीकि ने विशेष रूप से भाग लिया। दोनों नेताओं ने बाबा साहब के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया और उनके महान योगदान को याद किया। कुलभूषण गोयल ने कहा: “डॉ. भीमराव अंबेडकर एक असाधारण व्यक्तित्व थे। उन्होंने भारत को सिर्फ संविधान नहीं दिया, बल्कि करोड़ों दलितों, वंचितों और पिछड़ों को अधिकारों की रोशनी दिखाई। आज का भारत, उनके सपनों का भारत बनने की ओर अग्रसर है। हमें गर्व है कि हम उनके विचारों से प्रेरणा लेते हैं।” राकेश बाल्मीकि ने अपने संबोधन में कहा “बाबा साहब सिर्फ एक संवैधानिक निर्माता नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता के प्रतीक हैं। उन्होंने दलितों और पिछड़े वर्गों के लिए जो संघर्ष किया, वो भारत के इतिहास में अमिट रहेगा। बाबा साहब के बिना संविधान की कल्पना अधूरी है। उनका सपना था – एक समतामूलक समाज, और हम सब उस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। राकेश बाल्मीकि ने जानकारी दी कि यह कार्यक्रम 14 अप्रैल के स्थान पर एक दिन पूर्व यानी 13 अप्रैल को आयोजित किया गया, क्योंकि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 14 अप्रैल को यमुनानगर में पावर प्लांट के शिलान्यास हेतु पधार रहे हैं, जिसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे। बैसाखी पर दिल्ली में विशेष भेंट की। कार्यक्रम के उपरांत श्री राकेश बाल्मीकि ने बताया कि बैसाखी के शुभ अवसर पर उन्हें दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री श्री मनजिंदर सिंह सिरसा से विशेष निमंत्रण पर अपने कुछ साथियों सहित मिलने का अवसर मिला।
इस भेंट के दौरान सामाजिक विषयों पर सकारात्मक चर्चा हुई। श्री कुलभूषण गोयल, मेयर, पंचकूला श्री राकेश बाल्मीकि, पार्षद वार्ड नं. 16, मंडल अध्यक्ष मां चंडी मंडल, जिला अध्यक्ष अनुसूचित जाति मोर्चा श्री मनजिंदर सिंह सिरसा, कैबिनेट मंत्री, दिल्ली सरकार (बैसाखी भेंट कार्यक्रम में) भाजपा कार्यकर्ता, सामाजिक प्रतिनिधि, और स्थानीय नागरिकों की भी उपस्थिति रहे। पूरे कार्यक्रम के दौरान माहौल श्रद्धा और सम्मान से परिपूर्ण रहा। वक्ताओं ने डॉ. अंबेडकर के विचारों को आत्मसात करने और समाज में समरसता बनाए रखने की शपथ ली।