*एनसीसी ग्रुप चंडीगढ़ ने “नशीले पदार्थों के दुरुपयोग और रोकथाम” पर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया*
मनोज शर्मा,चंडीगढ़ । ड्रग्स के खिलाफ अपनी लड़ाई में एक कदम आगे बढ़ते हुए, एनसीसी ग्रुप चंडीगढ़ ने सेक्टर-31 स्थित अपने परिसर में “नशीले पदार्थों के दुरुपयोग और रोकथाम” पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया। यह कार्यशाला गुंजन ऑर्गनाइजेशन फॉर कम्युनिटी डेवलपमेंट (जीओसीडी) (धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश) के सहयोग से आयोजित की गई थी,जो सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय,भारत सरकार के तत्वावधान में उत्तर भारत में ड्रग्स के खिलाफ एक प्रमुख गैर सरकारी संगठन है। कार्यशाला का उद्देश्य ड्रग्स/पदार्थों के दुरुपयोग के प्रकार,एनडीपीएस अधिनियम, नशीली दवाओं के प्रसार के कारणों,ड्रग्स के खतरे से निपटने की रणनीतियों,ब्रेन बनाम माइंड गेम और लचीलापन निर्माण,प्रारंभिक पहचान,रेफरल और ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में युवाओं व रेजिडेंट वेलफेयर सोसाइटियों की भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा करना था। सेमिनार का आयोजन एक इंटरैक्टिव तरीके से किया गया था।
उद्घाटन भाषण कर्नल एमएमएस मीलू, कमांडिंग ऑफिसर, 1 चंडीगढ़ गर्ल्स बटालियन एनसीसी ने दिया। बीज वक्तव्य ब्रिगेडियर वी.एस. चौहान, वाईएसएम ग्रुप कमांडर एनसीसी ग्रुप चंडीगढ़ ने दिया। अपने उद्बोधन में ब्रिगेडियर चौहान ने नशे की गंभीर समस्या से निपटने के लिए समाज के विभिन्न स्तरों पर निरंतर जागरूकता अभियान चलाने और प्रशासन के विभिन्न विभागों, स्कूलों और कॉलेजों के साथ-साथ समाज के बीच घनिष्ठ समन्वय पर ज़ोर दिया। उन्होंने निवारक उपायों के महत्व और सुनियोजित सकारात्मक कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं की ऊर्जा को दिशा देने पर भी ज़ोर दिया।
प्रशिक्षण सत्र का संचालन संदीप परमार निदेशक, विजय कुमार कार्यकारी निदेशक और गुंजन ऑर्गेनाइजेशन फॉर कम्युनिटी डेवलपमेंट के पंकज,अमित कुमार तिवारी सहायक निदेशक नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो चंडीगढ़ जोनल यूनिट, दीक्षांत शर्मा,समाज कल्याण विभाग यूटी चंडीगढ़ के प्रतिनिधि और डॉल्फिन पीजी कॉलेज फॉर मेडिकल साइंस,फतेहगढ़ साहिब के डीन अकादमिक डॉ. मलकीत सिंह (पूर्व में पीजीआईएमईआर से) द्वारा किया गया।
प्रशिक्षण कार्यशाला में केंद्र शासित प्रदेश की आरडब्ल्यूए के निवासी/प्रतिनिधियों, एनसीसी ग्रुप चंडीगढ़ के एसोसिएट एनसीसी अधिकारियों और एनसीसी के 300 सीनियर डिवीजन/सीनियर विंग कैडेटों ने भाग लिया। इसके अलावा, एनसीसी के अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों ने भी कार्यशाला में भाग लिया।
गौरतलब है कि प्रतिभागियों ने नशे के खिलाफ ऑनलाइन शपथ भी ली। कैडेटों को भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे “नशा मुक्त भारत अभियान” में भागीदारी और योगदान का प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।





