राजस्थान

राजस्थान हाईकोर्ट में करीब 6 लाख मुकदमे लंबित* हमारे पास केसों के अनुपात में पर्याप्त जज नही:-मुख्य न्यायाधीश

जयपुर,(सुरेन्द्र कुमार सोनी) । प्रदेश की अदालतों में बढ़ते मुकदमों की संख्या से जज भी प्रभावित हो रहे हैं। अकेले हाईकोर्ट की बात करें तो यहां करीब 6 लाख मुकदमे लंबित हैं। वहीं न्यायाधीशों के स्वीकृत पदों के मुकाबले जजों की संख्या भी कम है। वर्तमान में राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीशों के 24 प्रतिशत पद खाली हैं। अभी मुख्यपीठ जोधपुर और जयपुर पीठ में न्यायाधीशों के 50 स्वीकृत पदों में से 38 न्यायाधीश ही कार्यरत हैं। ऐसे लंबित मुकदमों के मुकाबले जजों की कम संख्या को लेकर मुख्य न्यायाधीश भी कई बार चिंता जता चुके हैं। बुधवार को नव नियुक्त न्यायाधीशों के सम्मान समारोह में भी उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या में वृद्धि होना एक बड़ा अध्याय होता है। आप सब जानते हैं, आप किसी से छिपा नहीं है। हमारे यहां मुकदमों की संख्या बहुत ज्यादा है और उन मुकदमों के अनुपात में पर्याप्त जज हमारे पास नहीं हैं।
*प्रति जज 16 हजार मुकदमों का भार:
राजस्थान हाईकोर्ट में प्रत्येक जज पर करीब 16,096 मुकदमों का भार है। इसे लेकर भी मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पर्याप्त संख्या में जज नहीं होने से प्रति न्यायाधीश मुकदमों का भार बहुत होता है। इसी कारण से बहुत सारे प्रकरण जिनकी जल्दी सुनवाई होनी चाहिए, शायद वो नहीं हो पाती है। उन्होंने कहा कि अभी हमें जल्दी-जल्दी अच्छी संख्या में न्यायाधीश मिले हैं, इससे पूरी संस्था को बहुत लाभ पहुंचेगा। हम सब इस सिस्टम का हिस्सा हैं। हम सभी लिटिगेंट्स के लिए काम करते हैं। न्यायाधीशों की संख्या में बढ़ोतरी होने से उन्हें फायदा पहुंचेगा। कुछ दिन पहले जस्टिस अनिल उपमन ने जजों की स्वीकृत संख्या बढ़ाकर 70 किए जाने की मांग रखी थी।
*स्वीकृत संख्या 70 होनी चाहिए:
हाईकोर्ट में जजों की संख्या में बढ़ोतरी की मांग पहले भी कई बार उठ चुकी है। पिछले महीने जयपुर में एक निजी यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में विधि मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के सामने हाईकोर्ट न्यायाधीश अनिल उपमन ने जजों की स्वीकृत संख्या में बढ़ोतरी की मांग उठाई थी। उन्होंने कहा था कि राजस्थान हाईकोर्ट में जजों की स्वीकृत संख्या 50 से बढ़ाकर 70 की जानी चाहिए। विधि मंत्री राजस्थान से हैं। ऐसे में हमें उम्मीद है कि वे हमारी मांग पर जरूर गौर करेंगे।
*क्रिमिनल के मुकाबले सिविल मामले ज्यादा लंबित:
हाईकोर्ट में करीब 6,11,650 मुकदमे लंबित हैं। इनमें 4,34,511 सिविल और 1,77,139 क्रिमिनल केसेज लंबित हैं। इनमें जयपुर बैंच में 3,61,875 और जोधपुर बैंच में 2,49,775 मुकदमे लंबित चल रहे हैं। जयपुर बैंच में 2,50,273 सिविल और 1,11,602 क्रिमिनल केसेज लंबित हैं। इसी तरह से जोधपुर बैंच में 1,84,238 सिविल और 65,537 क्रिमिनल केसेज लंबित हैं।

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