जयपुर,(सुरेन्द्र कुमार सोनी) । सूर्य उपासना का महापर्व डाला छठ शनिवार से शुरू हो गया है। इस दौरान उत्तर प्रदेश और बिहार समाज के संगठन सामूहिक सूर्य उपासना करेंगे। चार दिवसीय छठ महोत्सव की शुरुआत नहाय-खाय से होगी। इस दिन व्रती स्नान कर पूर्ण शुद्धता से भोजन तैयार करते हैं। भगवान को भोग लगाने के बाद परिवार के सभी सदस्य वही प्रसाद ग्रहण करते हैं। रविवार को खरना के साथ निर्जल-निराहार उपवास शुरू होगा,जो मंगलवार तक उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने तक चलेगा। बिहार समाज संगठन, राजस्थान के महामंत्री चंदन कुमार ने बताया कि मुख्य कार्यक्रम 27 अक्टूबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य देने से प्रारंभ होगा। इस दौरान श्रद्धालु ठंडे पानी में खड़े होकर रातभर जागरण करेंगे। महोत्सव का समापन 28 अक्टूबर की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा। द ऑल अपॉच्र्युनिटी ऑफ इंडिया संस्था की ओर से जयसिंहपुरा खोर स्थित अजय वाटिका में ऑर्टिफिशियल जलाशय तैयार किया जा रहा है, ताकि बिहार समाज के लोग सुरक्षित रूप से छठ पूजा कर सकें। हेरिटेज निगम की जेसीबी से तैयार हो रहे इस 200 स्क्वायर फीट जलाशय में एक साथ लगभग 150 श्रद्धालु खड़े होकर पूजा कर सकेंगे। जलाशय 50 फीट लंबा, 4 फीट चौड़ा और 3 फीट गहरा होगा, जिसमें तीर्थों का पवित्र जल भरा जाएगा। संस्था के अध्यक्ष पिंटू कुमार साहनी ने बताया कि 27 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे से रात 8 बजे तक कार्यक्रम होगा,जबकि 28 अक्टूबर को सुबह 4 बजे से 10 बजे तक अर्घ्यदान किया जाएगा। इस बार डाला छठ का आयोजन गलता तीर्थ के साथ-साथ गोविंददेवजी मंदिर में भी किया जाएगा। मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि आयोजन पूर्णतया निशुल्क रहेगा। श्रद्धालुओं को हवन सामग्री और पूजन सामग्री निःशुल्क दी जाएगी। यज्ञ के बाद गंगाजल और अन्य पवित्र नदियों के जल से सामूहिक अर्घ्यदान किया जाएगा। जयपुर कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने श्रद्धालुओं की सुविधा और आयोजन के सुचारु संचालन के लिए सभी विभागों को जिम्मेदारी सौंप कर निर्देश दिए हैं। नागरिक सुरक्षा विभाग और देवस्थान विभाग को भी आवश्यक इंतजामों को दुरुस्त रखने के निर्देश दिए हैं। अतिरिक्त जिला कलेक्टर आशीष कुमार के नेतृत्व में नगर निगम, देवस्थान विभाग और अन्य अधिकारियों ने स्थल का निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया।





