चंडीगढ

*प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन हेतु महर्षि दयानंद पब्लिक स्कूल और इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन के बीच सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर*

मनोज शर्मा, चंडीगढ़। प्लास्टिक अपशिष्ट के बढ़ते दुष्प्रभावों पर नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए,प्रोजेक्ट डीआरओपी के क्रियान्वयन हेतु महार्षि दयानंद पब्लिक स्कूल, दरिया चंडीगढ़ और इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन के बीच एक सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।

यह सहमति-पत्र स्कूल के प्राचार्य डॉ. विनोद और आईपीसीए के प्रतिनिधियों द्वारा औपचारिक रूप से हस्ताक्षरित किया गया। उल्लेखनीय है कि आईपीसीए,जो किआ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से शुरू किया गया था,देश की अग्रणी पर्यावरणीय संस्थाओं में से एक है और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन एवं पर्यावरणीय जागरूकता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

इस सहमति के अंतर्गत प्रोजेक्ट डीआरओपी का मुख्य उद्देश्य प्लास्टिक अपशिष्ट के उचित संग्रहण,निष्पादन और पुनर्चक्रण हेतु एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया की स्थापना करना है। यह परियोजना पूरी तरह से नि:शुल्क होगी, जिससे स्कूल प्रबंधन पर किसी भी प्रकार का वित्तीय भार नहीं पड़ेगा।

इस पहल की जानकारी देते हुए हरप्रीत सिंह, आईपीसीए ने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत स्कूल परिसर में एक विशेष प्लास्टिक बिन स्थापित किया जाएगा, जिसमें सभी छात्र एवं स्टाफ सदस्य अपने प्लास्टिक कचरे को डाल सकेंगे। यह एकत्रित प्लास्टिक आईपीसीए की टीम द्वारा समय-समय पर उठाया जाएगा और वैज्ञानिक तरीके से पुनर्चक्रित किया जाएगा ताकि उसका पुन: उपयोग सुनिश्चित हो सके और पर्यावरण को नुकसान से बचाया जा सके।इस जागरूकता अभियान को और अधिक प्रभावी एवं सहभागी बनाने हेतु सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। बच्चों को इस पहल में भागीदारी के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा।

इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. विनोद ने इस परियोजना की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल न केवल महर्षि दयानंद पब्लिक स्कूल को स्वच्छ और प्लास्टिक-मुक्त बनाएगी,बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण भी स्थापित करेगी। उन्होंने सभी छात्रों से इस अभियान में सक्रिय भागीदारी की अपील करते हुए कहा कि वे प्लास्टिक कचरे के उचित पृथक्करण और समय पर निष्पादन को सुनिश्चित करें तथा पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रमों में सहयोग दें। उन्होंने कहा, “पर्यावरण को बचाना केवल सरकार या संगठनों की जिम्मेदारी नहीं है, यह हम सभी का सामूहिक कर्तव्य है। यदि हम आज जागरूक नहीं हुए,तो आने वाली पीढ़ियों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

इस मौके पर मंथन आर्ट्स ने प्लास्टिक के प्रभावों के बारे में अवगत कराने के लिए नुक्कड़ नाटक भी किया।

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