उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्णय का महासभा द्वारा स्वागत- ध्रुवचंद जायसवाल

गोरखपुर (एके जायसवाल), अखिल भारतीय कलवार कलाल कलार जायसवाल महासभा द्वारा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डाॕ. मोहन यादव द्वारा भगवान सहस्त्रबाहु के पराक्रम और गौरवशाली इतिहास की जानकारी युवाओं को देने के लिए पाठ्यक्रम में शामिल किया जायेगा।

उक्त जानकारी मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने मंदाकिनी नगर कोलार रोड़ स्थित जे के मेडिकल कालेज मे अखिल भारतवंशी हैहय कलचूरि महासभा के 89वें स्थापना दिवस समारोह मे मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव जी ने कहा भारत के पराक्रमी शासक, महापुरुष विनम्रता और राष्ट्र प्रेम के गुणों के लिए याद किए जाते रहेंगे इनके गुणों की जानकारी आज के युवा पीढ़ी को मिलनी चाहिए।

स्मरण रहे कि अगस्त 2024 में कार्यक्रम के दौरान अपने उद्बोधन में घोषणा की थी आजकल बड़ी तेजी से वायरल हो रहे है। अखिल भारतीय कलवार, कलाल,कलार जायसवाल महासभा की ओर से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के प्रति आभार व्यक्त करते हुए स्वागत व अभिनंदन है साथ ही साथ मध्यप्रदेश के स्वजातिय बन्धुओं ने पाठ्यक्रम मे शामिल कराने के लिए मध्य प्रदेश शासन से पत्राचार कर रहे हैं शीघ्र ही मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के ही कार्यकाल में शामिल कर दिया जाएगा।

ऐसी संभावनाएं दिखाई दे रही है उक्त मुहिम से जुड़े हुए कुछ स्वजातिय बन्धुओं से मेरी बात हुई है सभी स्वजाति बन्धु बधाई के पात्र हैं उक्त ब्यान राष्ट्रीय महासचिव ध्रुवचन्द जायसवाल ने जारी करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री का उक्त ब्यान अगस्त 2024 का जरुर है किन्तु भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन के संबंध में वक्तव्य दिए गए हैं वह सत्य और प्रमाणित है प्राचीन इतिहास एवं धार्मिक ग्रंथो मे विस्तार से वर्णन के आधार पर कही गई है।

ध्रुवचन्द जायसवाल ने कहा कि भारतवर्ष में (7)सात चक्रवर्ती सम्राट का वर्णन शास्त्रों में किया गया है चक्रवर्ती सम्राट महाराजा नहुष, चक्रवर्ती सम्राट महाराजा सगर, चक्रवर्ती सम्राट भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन, चक्रवर्ती सम्राट महाराजा मंधाता, चक्रवर्ती सम्राट महाराजा भरत, चक्रवर्ती सम्राट महाराजा युधिष्ठिर थे।

भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन के यश गान का वर्णन हरिवंश पुराण पुराण में महाभारत खील भाग के 33 अध्याय में अध्याय में पृष्ठ संख्या 159 पर न नूनं कार्तवीर्यस्य गतिं यास्यन्ति पार्थिवा:।

यज्ञैर्दॎानैस्तपोभिर्वा विक्रमेण श्रुतेन च||20||से ||23|| तक श्लोक मे नारद जी कहते हैं कि अन्य राजा लोग यज्ञ,दान तपस्या, पराक्रम और शास्त्रीय में कार्तवीर्य अर्जुन (सहस्त्रबाहु)की स्थिति कोई नहीं पहुंच सकता है वह योगी था इसलिए मनुष्यों को सातों दीपों में ढाल तलवार धनुष बाण लिए सदा सब ओर विचारता दिखाई देता था धर्मपूर्वक प्रजा की रक्षा करने वाला महाराजा कार्तवीर्य अर्जुन सहस्त्रबाहु के प्रभाव से किसी का धन नष्ट नहीं होता था और ना ही किसी को शक होता था और ना ही कोई भ्रम में ही पड़ता था वह 85000 वर्षों तक सब प्रकार के रत्नों से संपन्न चक्रवर्ती सम्राट रहा है अन्य पुराणों में भी किसी से मिलता-जुलता वर्णन भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन के संबंध में वर्णित किया गया है।

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