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अंबाला कैंट में सड़क सुरक्षा अभियान का तीसरा दिन सफलतापूर्वक सम्पन्न।

अंबाला:अशोक शर्मा
सड़क सुरक्षा के प्रति आम नागरिकों को जागरूक करने के उद्देश्य से अंबाला कैंट स्थित एक स्थानीय स्वयंसेवी संस्था इद्रीश फाउंडेशन द्वारा आयोजित “सड़क सुरक्षा अभियान” के तीसरे दिन का आयोजन फव्वारा चौक, Jain Soda Water के पास किया गया। इस अभियान में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, युवा, स्वयंसेवक और इंटर्न्स शामिल हुए।

यह मुहिम पिछले दो हफ्तों से इद्रीश फाउंडेशन द्वारा श्री राकेश मक्कड़ जी और संस्थापक नेहा परवीन के मार्गदर्शन में सड़क सुरक्षा समिति के सहयोग से लगातार चलाई जा रही है। चाहे तेज गर्मी हो या पसीना बहता हो, टीम पूरे समर्पण से जुटी हुई है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि SHO ट्रैफिक, अंबाला रहे, जो अपनी टीम के साथ उपस्थित हुए। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा:”सड़क सुरक्षा केवल सरकार या पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक की सामूहिक जिम्मेदारी है। जब संस्थाएं और युवा मिलकर इस दिशा में काम करते हैं, तो बदलाव निश्चित है। मैं इस संस्था को इसके प्रभावशाली प्रयास के लिए बधाई देता हूं।”
अभियान के दौरान सड़क सुरक्षा को लेकर पोस्टर प्रदर्शन, स्लोगन लेखन, और जन-जागरूकता रैली का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों और युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
मुख्य संदेश था – “सड़क सुरक्षा – जीवन रक्षा”।
विशेष रूप से अभियान के दौरान संस्था के स्वयंसेवकों और इंटर्न्स ने बिना हेलमेट पहने बाइक चला रहे युवाओं, सीट बेल्ट न पहनने वाले कार चालकों, तथा तीन सवारी कर रहे स्कूटर सवारों को अनुरोधपूर्वक रोका और उन्हें नियमों का महत्व समझाया।
इस पूरे अभियान में ट्रैफिक SHO अंबाला व उनकी टीम का पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ। उन्होंने न केवल उपस्थित रहकर मार्गदर्शन किया बल्कि स्वयं भी नागरिकों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी।
“मैं हर रोज देखता हूं कि लोग बिना हेलमेट और मोबाइल पर बात करते हुए गाड़ी चलाते हैं। आज के अभियान से उन्हें सीखने को मिलेगा। संस्था का यह प्रयास सराहनीय है
“हम अक्सर सोचते हैं कि ट्रैफिक नियम सिर्फ चालान से जुड़े हैं। लेकिन आज समझ में आया कि यह हमारी और हमारे बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा ह

“यह मेरा पहला फील्ड एक्सपीरियंस था। जब लोगों ने रुककर हमारी बात सुनी, और कुछ ने हेलमेट पहनने का वादा किया, तो लगा कि हमारा प्रयास सार्थक हो रहा है
“हमने राह चलते लोगों को ट्रैफिक नियम समझाए। कुछ ने वहीं पर हेलमेट पहना और कहा कि अब से आदत बदलेंगे। यही असली उपलब्धि है।”
नीलिमा (सीनियर वालंटियर):
“इस संस्था से जुड़कर सेवा के साथ सामाजिक जिम्मेदारी भी सीखने को मिलती है। आज हमने देखा कि जागरूकता से सोच बदल सकती
हमारा उद्देश्य किसी को डरा कर नहीं, समझा कर जागरूक करना है। जब तक समाज खुद नियमों को नहीं अपनाएगा, तब तक बदलाव अधूरा है। हमें खुशी है कि युवा शक्ति इस मुहिम में कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है, और पुलिस विभाग ने भी भरपूर सहयोग प्रदान किया।”

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