चंडीगढ

*स्वच्छता हमारा श्रृंगार,संस्कृति और धर्म है – मनोहर लाल खट्टर*

मनोज शर्मा,चंडीगढ़ । केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज चंडीगढ़ के सेक्टर 22 मार्केट में स्वच्छता ही सेवा – एक दिन, एक घंटा, एक साथ श्रमदान अभियान मे भाग लिया I इस कार्यक्रम में अधिकारियों, नागरिकों, सफाई मित्रों सहित स्वयंसेवकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया,जिससे स्वच्छ भारत के स्वप्न के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता दर्शाई गई। उस अवसर पर एक विशाल श्रमदान गतिविधि का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने अपने आस-पास के वातावरण की सफाई की।
कार्यक्रम की शुरुआत एक सफाई कर्मचारी की बेटी को फलों की टोकरी भेंट करने के साथ हुई, जिसके बाद मुख्य अतिथि को सिग्नेचर वॉल तक ले जाया गया। पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा देने और एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए कपड़े के थैलों का वितरण अभियान भी चलाया गया। आवास एवं शहरी कार्य मंत्री ने सभी प्रतिभागियों को ‘स्वच्छता की शपथ’ भी दिलाई और उन्हें स्वच्छता और सतत जीवन के प्रति समर्पित होने के लिए प्रेरित किया।
अपने संबोधन में मनोहर लाल खट्टर ने स्वच्छ भारत मिशन की सफलता सुनिश्चित करने में सामुदायिक भागीदारी के महत्व पर बल दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि स्वच्छता केवल एक सरकारी पहल नहीं है,बल्कि एक जन आंदोलन है जिसमें प्रत्येक नागरिक की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। मंत्री महोदय ने इस बात पर जोर दिया कि जहाँ एक समय स्वच्छता कार्य को असामान्य माना जाता था या बहुत से लोग इससे बचते थे, वहीं आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह एक जन आंदोलन बन गया है। केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि स्वच्छता हमारा श्रृंगार, हमारी संस्कृति,हमारा स्वभाव,हमारा कर्म और हमारा धर्म है। उन्होंने आगे कहा कि स्वच्छता के बिना कोई भी उपलब्धि या विशेषज्ञता वास्तविक रूप से चमक नहीं सकती।
मंत्री ने प्रासंगिक उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह हम स्वाभाविक रूप से लोगों और अपने आस-पास की स्वच्छता के प्रति आकर्षित होते हैं, उसी तरह घरों,दुकानों,पार्कों, स्कूलों,अस्पतालों, सामुदायिक केंद्रों और सार्वजनिक स्थलों में भी स्वच्छता के प्रति यही दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। उन्होंने सभी से स्वच्छता को एक दिन की गतिविधि के बजाय दैनिक अभ्यास बनाने का आग्रह किया। खट्टर ने समाज के सभी वर्गों—जिनमें नागरिक,व्यापारी,छात्र और यहाँ तक कि मीडियाकर्मी भी शामिल हैं—से स्वच्छता अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान किया और याद दिलाया कि सच्चा बदलाव तभी आता है जब हर व्यक्ति पूरे मन से योगदान दे।

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