
भरतपुर (शौकत अली)
राजस्थान के भरतपुर में 4 फरवरी की रात को शहर के सेवर पुलिस थाने की मलाह पुलिया पर खाकी में आपस मे हुए द्वंद्वयुद्ध की जाँच करने भले ही करौली के पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा भरतपुर पहुचे हो लेकिन इस पूरे मामले की सचाई सिर्फ इतनी सी है कि उस दिन रेडलाइट एरिया में रात 1 बजे अपने दो साथियों के साथ सेवर पुलिस गश्तीदल के हत्थे चढ़े जयपुर कमिश्नरेट के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेन्द्र प्रसाद खोत पुलिसिया रौब में अपना पहचान पत्र नही दिखाते तो ये हंगामा ही नही होता क्योंकि खोत के साथियों ने उसी समय खोत से कहा भी था कि साहब आप कार्ड नही दिखाते तो मामला हजार पाँच सौ में निपट जाता और राथोडी भी नही झेकनी पड़ती और न ही होता इतना हंगामा। जी हां ये सच है क्योंकि खुद खोत ने लोगो के साथ बातचीत में भी इसकी चर्चा की है। बहरहाल कच्छावा सोमवार देर शाम तक लगें रहे जाँच में। बताया जा रहा है कि सेवर थाने के गश्तीदल ने भी उस रात हुए घटनाक्रम को लेकर पेश कर दिया है एक परिवाद।सम्भाग मुख्यालय पर खाकी के बीच हुई इस खीचतान की जाँच का जो भी निकले परिणाम लेकिन इतना अवश्य है कि सोशल मीडिया के इस जमाने मे देश दुनिया मे पुलिस की जमकर हुई है फजीहत।
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