
जयपुर,(सुरेन्द्र कुमार सोनी) । बहरोड़ क्षेत्र के समाज सेवी कवि हृदय कमल नयन शर्मा द्वारा कविता के माध्यम से समाज को कुछ करने के लिए मन में धारणा होनी चाहिए फिर चाहे आंधी आए या तूफान अगर मन के अंदर पक्की धारणा कर रखी है तो हार को भी जीत में बदला जा सकता है ।
शीर्षक: बात जो धार ली:-
जिन्दगी बोझिल है कैसे मान ली
ये तो सुन्दर उपवन जिसने जान ली
जो सहज भावों से इसको जी सका
हार के भी बाजी उसने मार ली (१)
आंधी और तूफान भी जो आ रहे
राह को कितना भी वो उलझा रहे
आसान कर लेते हैं फिर भी वे डगर
राह जिसने अपनी खुद संवार ली (२)
जिन्दगी मौसम की भांति ही रहे
गर्मी कभी सर्दी कभी पतझड़ रहेहब
हर हाल में रहना जो सीख लेते हैं
जिन्दगी उन्होंने ही सम्भाल ली (३)
तू सावन की भीनी सी पुरवैया बन
छोड़ सभी उद्वेग मोहले सबका मन
फिर जीवन की रसधार मधुर बन जायेगी
हृदय पटल में”कमल”बात जो धार ली (४)
(कवि कमल नयन शर्मा)
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