कानून की सही प्रक्रिया को अपना कर परिवार ने नवजात शिशु को सरकार को सौंपा…. बाल कल्याण समिति पलवल
November 2nd, 2020 | Post by :- | 550 Views

पलवल (मुकेश कुमार हसनपुर) नवम्बर :- जिस देश में बेटियों को देवी का दर्जा दिया गया है और प्रधानमंत्री ने भी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दिया गया वहीं दूसरी ओर बहुत दुख होता है जब मनुष्य रुपी राक्षस हमारी मासूम बच्चियों को अपनी गन्दी सोच के कारण हवस शिकार बनाते हैं और ऐसे में कई  बार बच्चियां गर्भवती भी हो जाती हैं लेकिन बाल कल्याण समिति के सामने जब इस तरह के केस आते हैं तो हमारी जिम्मेदारी उस बच्ची के सर्वोत्तम हित को सुनिश्चित करना होता है|

गत दिवस एक रेप  पीड़िता बच्ची का केस जब बाल कल्याण समिति के सामने आया जिसके साथ दुष्कर्म किया गया था और मेडिकल जांच में बच्ची का लगभग 26+ हफ्ते की गर्भवती होने का पता चला  तो समिति ने पुलिस को तुरंत जुविनाइल जस्टिस एक्ट के तहत सरकारी अस्पताल में सिविल सर्जन (सीएमओ) की निगरानी में विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम गठित कर जेजे एक्ट और पी.एन डी टी एक्ट के तहत बच्ची की उम्र व गर्भ की स्थिति को देखते हुए गर्भपात करना कितना उचित व सुरक्षित है कि  रिपोर्ट बनाने के लिए आदेश दिया वहां विशेषज्ञ डाक्टरों ने गर्भ की स्थिति को देखते हुए गर्भ को बनाए रखने की सलाह दी बाल कल्याण समिति की सदस्या अल्पना मित्तल ने जानकारी देते हुए कहा कि ऐसी परिस्थिति में समिति की जिम्मेदारियां और भी बढ़ जाती है

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क्योंकि अब हमारे सामने दो नाबालिग बच्चे होंगे पहली बच्ची मां और दूसरा होने वाला बच्चा जिनके स्वास्थ्य,पॉस्टिक आहार व सुरक्षा व्यवस्था की सारी जिम्मेदारी अब हमारी होती है लेकिन उससे भी बड़ी जिम्मेदारी परिवार और बच्ची दोनों की लगातार काउंसिलिंग करके उन्हें मानसिक रूप से तैयार करना कि यदि वह चाहे तो बच्ची और होने वाले नवजात शिशु के बेहतर भविष्य  के लिए शिशु के पैदा होने के तुरंत बाद सरकार को सौंपना ही उचित फैसला होगा समिति की सदस्यता अल्पना मित्तल ने कहा कि हमें यह बताने में बहुत खुशी होती है कि इस केस में न केवल हमारे प्रयास पूरी तरह सफल रहे बल्कि हम दो महत्वपूर्ण जीवन भी बचा पाने में सफल हुए।

इसी क्रम में जब गत दिवस सरकारी अस्पताल में रेप पीडिता बच्ची ने एक स्वस्थ नवजात शिशु को जन्म दिया जिसकी जानकारी पुलिस ने तुरंत बाल कल्याण समिति को दी तथा समिति के सदस्यों ने  OSC केन्द्र पलवल से नाबालिग मां और परिवार की लिखित सहमति से नवजात शिशु को जे जे एक्ट के तहत सरकार को सौंपने की सारी कानूनी प्रक्रिया (डीड औफ़ सरेंडर) जो कि पूरी तरह गोपनीय प्रक्रिया होती है को पूरा करने के बाद स्पेशल एडॉप्शन एजेंसी फरीदाबाद भेज दिया। कानून की सही प्रक्रिया को अपनाते हुए समिति के सदस्यों ने परिवार को भी हार्दिक धन्यवाद दिया कि किसी शिशु को अन्य को देने , नाले या कूड़े में फेंकनें की जगह आपने इस नवजात शिशु को सरकार को सौंपने का बहुत ही उचित फैसला  किया है इस पूरी प्रक्रिया में जहां समिति के सदस्य बिजेंद्र मंगला, अल्पना मित्तल, निशांत गौड़ व शकुंतला देवी का सराहनीय प्रयास रहा वहीं डी.सी.पी.एस युनिट्स से जिला बाल संरक्षण अधिकारी कपिल कुमार, सीता इन्दीवर व जाहुल खान तथा चाइल्ड लाइन से रचना सौरोत व सोनिया का विशेष योगदान रहा ।

 

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