विदेशी तब्लीगी जमातियों का वतन लौटने का रास्ता हुआ साफ , पासपोर्ट मिलते ही खिले जमातियों के चेहरे
July 19th, 2020 | Post by :- | 159 Views
नूंह मेवात , ( लियाकत अली )  । कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन लगने की वजह से हरियाणा के मुस्लिम बाहुल्य नूह जिला में पिछले करीब 4 महीने से फंसे विदेशी तबलीगी जमातियों के अपने वतन लौटने का रास्ता अब साफ हो चुका है। तबलीगी जमातियों को जैसे ही नूह पुलिस ने उनके पासपोर्ट वापस लौटाए। उनके चेहरे पर खुशी का ठिकाना नहीं था। अब उन्हें उस पल का इंतजार है जब उनके मुल्कों की सरकार भारत की सरकार से बातचीत कर उनके उड़ान का रास्ता साफ करेंगी। अब तबलीगी जमात के सदस्यों को उस पल का इंतजार है जब उन्हें पासपोर्ट की तरह घर जाने की सूचना मिलेगी । तबलीगी जमातियों ने जिला प्रशासन ने नूह पुलिस , अदालत , राज्य व केंद्र सरकार के अलावा विधायक आफताब अहमद , पल्ला हॉस्टल के मालिक समसुद्दीन रेहना ,  सहित तबलीगी जमातियों की सेवा में लगे उलेमाओं व अन्य लोगों का दिल से आभार व्यक्त किया । उन्होंने कहा कि अब उन्हें पासपोर्ट पुलिस ने लौटा दिए हैं। शुक्रवार को उनके पास उनके जब्त किए गए दस्तावेज मिल चुके हैं । बस अब तो चंद घंटे व चंद दिन ही उनकी वतन वापसी में बचे हैं।  उनके मुल्कों की सरकार ने भी भारत सरकार से वार्ता शुरू कर दी है ।
आपको बता दें की नूह जिले में विदेशी तबलीगी जमातियों पर गत 2 अप्रैल को विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था । इसके बाद तबलीगी जमात के पासपोर्ट इत्यादि कागजात पुलिस ने जब कर लिए थे । इस मामले को शौकत अली एडवोकेट , नूरुद्दीन नूर एडवोकेट सहित कई अधिवक्ताओं ने कोर्ट में चुनौती दी। न्यायाधीश एसीजेएम विशाल की अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए करीब 57 विदेशी तबलीगी जमातियों व दो अन्य पर एक – एक हजार का जुर्माना लगाते हुए सरकार को आदेश दिए कि उनके कागजात वापस लौटाएं जाए और उन्हें उनके वतन भेजा जाए लेकिन इसके बावजूद भी जब उनके कागजात नहीं लौटाए गए तो वकीलों ने गत 14 जुलाई को लोअर कोर्ट में एक याचिका डाली जिसके बाद गत 17 जुलाई को कोर्ट ने जल्द से जल्द पासपोर्ट इत्यादि कागजात वापस लौटाने के आदेश दिए । जिसके बाद गत शुक्रवार को सभी विदेशी तबलीगी जमातियों को उनके पासपोर्ट वापस कर दिए गए। यह देश में तबलीगी जमातियों को लेकर एक नजीर पेश करने वाला मामला है। इसी दौरान सरकार ने भी एसीजेएम के फैसले को सेशन कोर्ट नूह में चुनोती दी , लेकिन सेशन कोर्ट ने एसीजेएम कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए गत 6 जुलाई को फैसला सुना दिया।
 जानकारी के मुताबिक कुल 59 लोग थे , जिनमें एक अनुवादक यूपी और एक नेपाल से संबंध रखता था ।इसके अलावा थाईलैंड से 6 , दक्षिण अफ्रीका से 5 , इंडोनेशिया से 11,  बांग्लादेश से 6 पुरुष व 5 महिलाओं सहित कुल 11 , श्री लंका से 24 तबलीगी जमात के सदस्य पिछले करीब 4 महीने से समसुद्दीन हॉस्टल पल्ला में रह रहे थे। इनमें से कई तबलीगी जमातियों को कोरोना भी हुआ था , लेकिन वह स्वस्थ होकर अपने साथियों के पास वापस लौट आए।तबलीगी जमातियों ने केंद्र व राज्य सरकार के अलावा इलाके के नेताओं , उलेमाओं व आमजन का सहयोग के लिए आभार जताया है । साथ ही उनकी सुरक्षा में लगे पुलिस जवानों का भी उन्होंने शुक्रिया जताते हुए कहा कि उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत इस दौरान नहीं हुई , लेकिन घर से सिर्फ 1 महीने के लिए जमात में निकले थे , परंतु कोरोना महामारी तथा पासपोर्ट इत्यादि जब्त हो जाने के बाद उन्हें करीब 4 महीने हो चुके हैं । लंबे संघर्ष व कठिनाइयों के बावजूद तबलीगी जमातियों की दुआ कबूल हो चुकी है । अब उनके वापस लौटने की सभी कानूनी अड़चनें उनके रास्ते में बाधा बनने वाली नहीं है । अब तो बस उस पल का इंतजार है , जब वह हवाई जहाज में उड़कर अपने वतन की सर जमीन पर पहुंचेंगे।

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