हरियाणा

जीवन में संस्कारों की सीख देते हैं धार्मिक कार्यक्रम : पूर्व विधायक नरेश कौशिक

Bahadurgarh Lokhit Express Bureau Chief (Gaurav Sharma)

-पूर्व विधायक नरेश कौशिक ने कहा, भागवत कथा हमें जीवन जीने की कला भी सिखाती
-पूर्व विधायक नरेश कौशिक ने 9 दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का दीप प्रज्ज्वलित कर किया शुभारम्भ
बहादुरगढ़। रेलवे रोड स्थित वैश्य स्कूल प्रांगण में श्री राधा कृष्ण सेवा समिति की ओर से 9 दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ समारोह का आयोजन किया गया है। मंगलवार को इसके शुभारम्भ पर गाजे-बाजे के साथ 1500 महिलाओं ने कलश यात्रा में भाग लिया। यह कलश यात्रा काठमंडी शिव मंदिर से चलकर अनाजमंडी होते हुए रेलवे रोड पर कथास्थल तक पहुंची। कथा में अनंत श्री विभूषित जगदगुरु उत्तराखंड पीठाधीश्वर स्वामी श्री कृष्णाचार्य महाराज की ओर से कथा का रसपान श्रद्धालुओं को कराया जा रहा है। हर रोज सुबह 9 बजे से लेकर 11 बजे तक व दोपहर बाद 2 बजे से लेकर शाम साढ़े 5 बजे तक श्रीमद् भागवत कथा का सुमिरण किया जाएगा।
मंगलवार को पूरे विधि-विधान के साथ कथा का शुभारम्भ हुआ। पूर्व विधायक नरेश कौशिक ने कार्यक्रम में मुख्यातिथि तौर पर शिरकत की। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित करके इस धार्मिक आयोजन का आगाज किया। कार्यक्रम में पूर्व चेयरमैन अशोक गुप्ता विशिष्ट अतिथि रहे। अतिथियों का यहां पहुंचने पर आयोजकों की ओर से जोरदार अभिनंदन किया गया। पूर्व विधायक नरेश कौशिक ने समिति को आर्थिक सहयोग राशि भी भेंट की। उन्होंने उत्तराखंड पीठाधीश्वर श्री कृष्णाचार्य महाराज से आशीर्वाद भी लिया। इस मौके पर उपस्थितजन को सम्बोधित करते हुए मुख्यातिथि पूर्व विधायक नरेश कौशिक ने कहा कि धार्मिक कार्यक्रम में भागीदारी हमें नई उमंग व उत्साह के साथ जीवन में परोपकार की भावना निरंतर करते रहने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने आयोजन समिति द्वारा किए जा रहे इस धार्मिक कार्यक्रम को समाज को संस्कारों की सीख देने वाला बताया। श्रीमद्भागवत कथा हमें जीने की कला सिखाती है। यह भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और उपदेशों के माध्यम से जीवन जीने का सही मार्ग दिखाती है। भागवत कथा जीवन को सार्थक बनाने, आंतरिक शुद्धिकरण करने और परम आनंद प्राप्त करने का एक दिव्य मार्ग है। उन्होंने गीता के श्लोक कर्मण्येवाधिकारस्ते मां फलेषु कदाचन का उल्लेख करते हुए कहा कि इसका सार है कि कर्म करना हमारा फर्ज है, ड्यूटी है, इसका फल हमें जरूर मिलेगा।
हमें फल की लालसा में कर्म नहीं करना है। उन्होंने कहा कि गीता हर वर्ग के लिए उपयोगी है, चाहे विद्यार्थी हो, आम नागरिक, कर्मचारी या व्यापारी हों। उन्होंने कहा कि गीता प्रबंधन भी सिखाती है, जिससे कम समय में ज्यादा काम हो सकता है। भागवत कथा का महत्व है कि यह पापों का नाश करती है और आध्यात्मिकता का विकास करते हुए मन को शांति भी देती है। कथा सुनने से मन शुद्ध होता है और आंतरिक शांति मिलती है और सांसारिक चिंताओं से मुक्ति मिलती है।  इस मौके पर देवेंद्र कौशिक, योगेश कौशिक, बिजेंद्र वशिष्ठ, नरेंद्र चौधरी, भाग सिंह अहलावत, कृष्ण चंद्र, दीपक कौशिक, रामकुमार मुदगिल, चेतराम मुदगिल समेत हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे।

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