निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का सम्मान करना सीखें पूर्व विधायक : राजेन्द्र सिंह जून
June 23rd, 2020
| Post by :- Gaurav Sharma
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झज्जर/बहादुरगढ़ लोकहित एक्सप्रेस ब्यूरो चीफ (गौरव शर्मा)
-विधानसभा में करूंगा अधिकारियों की शिकायत : विधायक राजेन्द्र सिंह जून
– विधायक ने अधिकारियों को दी नसीहत, चाटुकारिता छोड़कर प्रोटोकॉल पर ध्यान दें
बहादुरगढ़। केन्द्र सरकार की अमरूत योजना के तहत शहर की विभिन्न कॉलोनीयों में नगर परिषद द्वारा बिछाई जा रही पेयजल और सीवरेज लाइन कार्य शुभारंभ के नारियल पूर्व विधायक नरेश कौशिक द्वारा फोड़े जाने पर हलका विधायक राजेन्द्र सिंह जून ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और इसे नरेश कौशिक की ओछी राजनीति बतलाया है। उन्होंने कहा है कि जनता द्वारा बुरी तरह से नकारे गए एक नेता को यह अधिकार किसने दिया कि वह सरकारी कार्य योजनाओं का शुभारंभ करे। यह सरासर सवैंधानिक पद पर निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का अपमान है। उन्होंने पूर्व विधायक कौशिक के साथ विकास कार्यों का शुभारंभ करवा रहे चाटूकार अधिकारियों को भी प्रोटोकॉल का पालन करने की नसीहत दी।
राजेन्द्र जून ने कहा कि सोमवार को लाइनपार क्षेत्र के जिन तीन वार्डों के निवासियों के लाभार्थ बिछाई जाने वाली पेयजल लाइन के कार्य का शुभारंभ एक हारे हुए विधायक द्वारा किया गया है उससे जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा हैरान कर देने वाली है। नगर परिषद द्वारा किये जाने वाले इस कार्य हेतु न तो चेयरपर्सन और न ही इन वार्डों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को इस लायक समझा गया कि वह वहां उपस्थित रहकर शुभारंभ कर सकें। यह पूर्व विधायक का एक राजनीतिक स्टंट है, अपनी मरी हुई राजनीति को जिंदा करने का। क्योंकि अब नगर परिषद के कार्यों का श्रेय लेकर नरेश कौशिक आगामी निकाय चुनाव में खुद की जमीन तैयार करने की नाकाम कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि बेशक वह बिजली के खम्बों के शुभारंभ के नारियल भी फोड़ ले, मगर उसने पिछले पांच साल हलके के जो कर्म फोड़े हैं वह जनता भूली नहीं है। मोदी को मेहरबानी को यह अपनी लोकप्रियता समझने की भूल कर बैठा है।
विधायक जून ने कहा कि अपने कार्यकाल के पांच साल तक आकंठ भ्रष्टाचार में डूबा रहने वाला नरेश कौशिक एक भी बड़ा प्रोजेक्ट हलके में नहीं ला सका और केवल कांग्रेस कार्यकाल में मंजूर योजनाओं में ही लीपापोती करता रहा। उन्होंने कहा कि असल में नरेश कौशिक की सोच कभी विधायक वाली रही ही नहीं और इसकी सोच का दायरा नगर परिषद स्तर तक ही सीमित रहा। स्थानीय निकाय स्तर के कार्य जैसे सीवर, पानी की लाइन, गली, नाली, स्ट्रीट लाइट या पार्क निर्माण आदि नगर परिषद स्तर के कार्य होते हैं और उनके क्रियान्वयन के लिए पार्षद और चेयरमैन जनता द्वारा चुने हुए अधिकृत प्रतिनिधि होते हैं। लेकिन नरेश कौशिक नगर परिषद व ग्राम पंचायत स्तर के कार्यों का नारियल फोड़कर ही अपना दिल बहलाता रहा। जून ने कहा कि अगर नरेश कौशिक को नगर परिषद के कार्यों का नारियल फोड़ने का इतना ही चाव है तो फिर से वार्ड के चुनावों में पार्षद के लिए अपनी किस्मत आजमा ले। लेकिन मुझे लगता नहीं कि वह अब दोबारा कभी पार्षद भी चुनकर आ सकेगा।
विधायक राजेन्द्र सिंह जून ने कहा कि पिछले महीने 21 और 22 मई को विधानसभा स्पीकर माननीय ज्ञानचंद गुप्ता जी द्वारा संसदीय समिति सदस्यों की वीडियो कांफ्रेंसिंग बैठक में अधिकारियों द्वारा निर्वाचित विधायकों की उपेक्षा किये जाने का मुद्दा प्रमुखता से उठा था और इस पर माननीय अध्यक्ष महोदय द्वारा कड़ा संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री मनोहरलाल से विधायकों को उचित सम्मान दिलाने को आग्रह किया था। जिस पर प्रदेश के गृह, स्वास्थ्य और स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज के कहा था कि प्रोटोकॉल में विधायक का दर्जा मुख्य सचिव से भी ऊपर होता है और अधिकारी विधायकों को उचित मान-सम्मान दें। लेकिन बहादुरगढ़ नगर परिषद के कुछ अधिकारी अपने ही विभाग के मंत्री के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं और मैं इनकी शिकायत सदन में जरूर करूंगा।
फोटो कैप्शन :- राजेन्द्र सिंह जून, विधायक।
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