जयपुर,(सुरेन्द्र कुमार सोनी) । संजीव नैन (IPS) पुलिस उपायुका जयपुर पूर्व, द्वारा बताया कि पुलिस थाना खोह नागोरियान पर दिनांक 12.11.2025 को परिवादिया श्रीमती संगीता कुशवाह पत्नी श्री पूरण सिह जाति कुशवाह उम्र 36 साल निवासी म्न. 30 राजनगर विस्तार गोनेर रोड हीरापुरा लुनियावास थाना खोहनागोरियान जयपुर द्वारा रिपोर्ट पेश की कि मैं मेरे परिवार सहित देवरानी, जेठानी, सहित मकान नं. 30 राजनगर विस्तार गोनेर रोड लुनियावास में उक्त पते पर निवास करती हूँ। मेरा नाम संगीता कुशवाह पत्नी पूरन सिंह कुशवाह उम्र 36 साल कि उक्त पते पर वीरकुमारी कुशवाह मनीषा कुशवाह, नेहा कुशवाह सरिता कुशवाह जो कि मेरी देवरानी जेठानी है के साथ अपने परिवार के साथ निवास करती हूँ उक्त घटना दिनांक 11.11.25 को दोपहर के 3 बजे के लगभग जब हम सभी के पति का पतासी का ठेला लेकर काम पर जा रहे थे। तो हमारे सामने वाले मकान में रहने वाले अपराधी प्रवृति के लड़के के द्वारा हमसे झगडा करने लगे। जो कि रामेश्वर के तीनो लड़के दिनेश, हेमन्त, गोलू एवं इनके साथ आए अन्य 3-4 व्यक्तियो के साथ हमारे सभी के पतियो के साथ तलवार, लाठी से एवं धारधार हथियारों से मारपीट करने लगे। जिसकी हमारे द्वारा अपने मोबाइलो से विडियो बनाई गई। तो ये सभी अपराधी और भी उग्र हो गये और हम सभी महिलायों के साथ भी मारपीट करने लगे। हमारी जेठानी वीरकुमारी व मनीषा, नेहा कुशवाह व सरिता कुशवाह के गाल पर छाती पर से सामने से पकड़कर कपडे फाड़ दिये और मेरे देवरानी जेठानियों के लज्जा भंग कर दी और गंदी गंदी गालियों देने लगे और कहने लगे कि तुम लोग यहाँ से मकान बेचकर भाग जाआते नहीं तो तुम्हारे पत्तियों को जान से मार देंगे। और पुलिस हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। ये कहते हुए हमारे पत्तियों पूरनसिंह इसालसिंह, प्रतापसिंह, लायकसिंह सूरजसिंह के साथ से तलवार व लाठियों व सरियो से मारपीट करने लगे जिसके कारण हमारे सभी पतियों के जगह-जगह चोट लगी और मुँह से खून निकलने लगे उक्त अपराधियो द्वारा ताबडतोड लाठी डंडो से मारपीट जारी रखी जिसकी वजह से हमारे पतियों के साथ में जान माल का खतरा हो गया जिस पर कोलोनी वाले हमारे आस-पड़ोसी आए और उन्होंने हमारा बीच-बचाव किया। इसकी सूचना 100 नंबर कंट्रोल रूम में दी लोग वहाँ से भाग गये और हम अपना इलाज कराने के लिए अस्पताल चले गये प्राप्त परिवादी की रिपोर्ट पर अभियोग संख्या 649/2025 धारा 115(2),126(2),74,189 (2), 333 बीएनएस एंव 4/25 आर्म्स एक्ट में दर्ज किया जाकर अनुसंधान प्रारंभ किया गया ।





