*पंचकूला में महिलाओं द्वारा आयोजित रामलीला मंचन का शुभारंभ,संतों और विशिष्ट अतिथियों ने साझा किए प्रभु श्रीराम के आदर्श*
मनोज शर्मा, पंचकूला। पंचकूला सेक्टर-5 स्थित इंद्रधनुष सभागार में महिलाओं द्वारा आयोजित श्रीरामलीला मंचन का शुभारंभ बड़े ही भव्य तरीके से किया गया। पांचवें दिवस के उद्घाटन अवसर पर स्वामी राजेश्वरा नंद जी महाराज ने रामायण के प्रसंग “केवट प्रसंग” का उल्लेख करते हुए कहा कि “जिस पर प्रभु श्रीराम की कृपा दृष्टि हो जाती है,फिर उसके तो पूर्वज भी भवसागर से पार हो जाते हैं।”
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी (राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भाजपा एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री पंजाब),जस्टिस दया चौधरी,पूर्व विधायक कालका लतिका शर्मा,वरिष्ठ आईएएस राजेश जोगपाल,जगद्गुरु कुमार स्वामी जी महाराज,स्वामी राजेश्वरा नंद जी महाराज और भाजपा पंचकूला जिला अध्यक्ष अजय मित्तल मौजूद रहे।
इस अवसर पर राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने आयोजन समिति की अध्यक्ष एकता नागपाल व उनकी टीम को बधाई दी और कहा कि यह कार्यक्रम महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं धरती से लेकर चांद तक पहुँच चुकी हैं। जो कार्य पुरुष कर सकते हैं,महिलाएं भी कर सकती हैं। यही समानता का भाव भगवान श्रीराम की शिक्षाओं से प्रेरित है।
जस्टिस दया चौधरी ने श्रीराम के वनवास प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि माता-पिता की आज्ञा मानने और उनके वचनों की पालना करना आज की पीढ़ी के लिए एक बड़ा सबक है। उन्होंने कहा कि हमें अपने बच्चों में परंपरा, संस्कृति और आदर्शों का संचार करना होगा।
वहीं,भाजपा जिला अध्यक्ष अजय मित्तल ने श्रीराम और भरत के आपसी प्रेम का उदाहरण देते हुए कहा कि यह भाईचारे और निःस्वार्थ प्रेम का अद्वितीय उदाहरण है। जब तक हम भी अपने जीवन में ऐसा ही भाव नहीं लाएंगे,तब तक रामराज्य की स्थापना संभव नहीं है।
कार्यक्रम में उपस्थित संतों और नेताओं ने रामलीला मंचन को न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों के उत्थान का माध्यम बताया।




