
गरियाबंद _ मम राजीव लोचन जिला मानस संघ गरियाबंद द्वारा पैरी नदी परिक्रमा का दो दिवसीय विशेष आयोजन किया गया । जिसके मार्गदर्शक थे मानस संघ के संरक्षक एवं भगवताचार्य महामंडलेश्वर संत गोवर्धन शरण व्यास जी इस संबंध में जिला मानस संघ के संस्थापक राष्ट्रपति एवं राज्यपाल पुरस्कृत डाॅ मुन्नालाल देवदास ने जानकारी दी कि पैरी नदी गरियाबंद जिले की जीवन दायिनी नदी है। जो सिंचाई का भी प्रमुख स्त्रोत है। यही पैरी नदी राजिम में महानदी और सोंढूर नदी के साथ मिलकर त्रिवेणी संगम कहलाती है। जिसका महत्व देश के गंगा यमुना और सरस्वती के त्रिवेणी संगम के अनुरूप माना जाता है। इसलिए जिला मानस संघ द्वारा पैरी नदी परिक्रमा के माध्यम से नदी घाटी सभ्यता, सनातन संसकृति, जल जंगल जमीन के संरक्षण और सामाजिक समरसता लाने के उद्देश्य से यह जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें मानस संघ के सभी पदाधिकारी और समाज के सभी वर्ग के लोग शामिल होकर इसे सफल बना रहे हैं इस वर्ष दो दिवसीय 255 किलोमीटर पैरी नदी परिक्रमा की शुरुआत सिरकट्टी आश्रम में पैरी नदी की पूजापाठ करके किया गया। मार्ग में जगह जगह पर ग्रामवासियों ने स्वागत सत्कार किया और महाराज जी आशीर्वचन हुआ । मैनपुर, धवलपुर और भाठीगढ़ क्षेत्र के लोगों ने सबके लिए भोजन प्रसादी की व्यवस्था की। रात्रि विश्राम भूतेश्वर महादेव में किए दूसरे दिन परिक्रमा करते हुए धमतरी जिला के मधुबन धाम पहुँचे । मधुबन धाम में काव्य गोष्ठी के बाद राजिम के त्रिवेणी संगम, कुलेश्वर महादेव, लोमश ऋषि आश्रम और श्रीराजीव लोचन मंदिर दर्शन किए। फिर राजिम से कोपरा के श्री कोपेश्वर महादेव की मंगल आरती किए और अंतिम पडा़व सिरकट्टी आश्रम में पैरी नदी मइया के पूजा अर्चना के साथ संपन्न किए इस परिक्रमा को सफल बनाने में जिला मानस संघ अध्यक्ष पुरुषोत्तम चंद्राकर, कोषाध्यक्ष डोमार सिंग साहू, संगठन मंत्री प्राचार्य कुमान सिंह ध्रुव, महासचिव वीरेन्द्र सिंह ठाकुर, सहसचिव आनंद साहू, प्रचार मंत्री परमानंद यादव, फिंगेश्वर ब्लाक अध्यक्ष नंदकुमार यादव, छुरा ब्लाक अध्यक्ष जागेश्वर प्रसाद ध्रुव, गरियाबंद ब्लाक अध्यक्ष टिकेश्वर सिन्हा, मैनपुर ब्लाक अध्यक्ष डोमार सिंह पटैल, भरत यादव, मंच संचालक नवेन्द राज साहू, दिव्यांग संघ जिलाध्यक्ष जागेश्वर साहू, व्याख्याता कृपाराम यादव, पूर्व पंचायत इंस्पेक्टर नूतन साहू, होमन यादव,बलराम यादव, शिक्षक लखन साहू, व्यापारी जगदीश साहू, दुलारु राम, हीरालाल पटेल, हुकुम साहू, सावन कुमार, यशवंत भेड़िया, नेतराम डोमेश्वर हेमलाल रेखराम एवं सिरकट्टी आश्रम के साधुसंतों और माता बहनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।





