*मल्लाह ने प्रभु श्री राम जी से कहा कि एक ही पेशे के लोग अपनी सेवाओं के लिए एक-दूसरे से पैसे नहीं लेते*
October 8th, 2024 | Post by :- | 99 Views

चंडीगढ़ (मनोज शर्मा) दि नेशनल एडी क्लब मनीमाजरा के प्रधान चमन लाल ने बताया कि दि नैशनल ए डी क्लब मनीमाजरा चंडीगढ़ की स्टेज पर गंगा का किनारा,भरत का ननिहाल,अयोध्या का बाजार, कैकेई महल,कौशल्या महल,भरत मिलाप, पंचवटी जैसे मनमोहक सीन दिखाए गए।

क्लब के महासचिव प्रेम डाबरा ने बताया कि दी नैशनल ए ,डी क्लब मनीमाजरा द्वारा केवट लीला का मनमोहक सीन दिखाया, गया,प्रभु श्रीराम जी जब गंगा तट पर पहुंचते हैं, तो मल्लाह से गंगा पार करवाने के लिए कहते हैं,तब केवट “प्रभु, श्रीराम जी से कहते है कि वह एक ही शर्त पर गंगा पार करा सकते हैं कि पहले आपके चरण धोएंगे और उस चरण रज के पानी को खुद व परिवार को पिलायेंगे तभी नाव मे चढ़ाएंगे,केवट ने आगे कहा, “प्रभु, मैंने सुना है,कि आपके पैरों की धूल मात्र से पत्थर की शिला सुंदर नारी बन गयी थी,तो आपके पैर रखने से क्या पता मेरी नाव क्या बन जाए,क्योंकि मेरी नाव लकड़ी के कई टुकड़ों से बनी है,और अगर आपके पैरों की धूल मेरी नाव पर गिरती है,तो मुझे डर है कि नाव लकड़ी के प्रत्येक टुकड़े के अनुरूप कई महिलाओं में बदल जाएगी। श्रीराम जी माता सीता जी को देखकर मुस्कुराते हैं और चुप रहते है।
भगवान राम केवट की आस्था की सराहना करते है। भगवान के चरण धोने के बाद केवट ने उन्हें नदी पार कराते हैं।,जैसे ही वे नाव से उतरे,माता सीता ने तुरंत अपनी उंगली से एक अंगूठी निकाली और भगवान श्रीराम को सौंप दी,और संकेत दिया कि इसे केवट को दे दें l
भगवान राम केवट को मुद्रिका देते हुए कहते हैं, कि देखो भाई, तुम्हारी दयालु सेवा के लिए हम तुम्हें इतना ही दे सकते हैं। कृपया इसे स्वीकार करो। केवट प्रभु श्रीराम जी से कहते हैं कि मैं आपसे उत्तराई  नहीं ले सकता l भगवान श्रीराम जी उतराई नही लेने का कारण पूछते है l केवट कहते हैं कि जब एक ही पेशे के लोग अपनी सेवाओं के लिए एक-दूसरे से पैसे नहीं लेते। जब एक मल्लाह भी अपने साथी मल्लाह से पैसे नहीं लेता।” केवट “प्रभु से कहते हैं कि हम दोनों एक ही काम करते हैं। फर्क सिर्फ़ इतना है कि मैं लोगों को गंगा के इस किनारे से उस किनारे तक ले जाता हूं,लेकिन आप तो लोगों को जीवन की यात्रा  से भवसागर पार कराते हैं। मैं आपसे कैसे पैसे ले सकता हूं? प्रभु! ,मुझे कुछ नहीं चाहिए। लेकिन जैसे मैंने आज आपको यह नदी पार कराई है, वैसे ही जब मेरा समय आए,तो मुझे भी भवसागर सागर पार करा देना।

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क्लब के प्रेस सचिव महंत मनोज शर्मा ने कहा की क्लब के कलाकारों ने बड़ी मेहनत की और इसमें क्लब के डायरेक्टर मनु शर्मा ने उनका मार्गदर्शन किया। इस सीनों में जान डालने के लिए सीनरी डायरेक्टर पवन पुरी ने भी कोई कमी नहीं छोड़ी, क्लब के सभी सदस्यों द्वारा मिलकर की गई कोशिश रंग लाई और लोगों ने आज के सभी सीनों को बड़ा ही पसंद किया।

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