यूं ही नहीं बन जाता कोई प्रकृति की आरती 
October 1st, 2024 | Post by :- | 401 Views

✍️लोकहित एक्सप्रेस न्यूज़ संवाददाता विक्रम कुमार नागेश की रिपोर्ट गरियाबंद छत्तीसगढ़ 

गरियाबंद_छत्तीसगढ़ के रायपुर न्यूज़ इस मंसूबे के पीछे चलना पड़ता है सूरज की धूप में बातें करनी पड़ती हैं मौसमों से और जोड़ना पड़ता है लोगों को और जितना पड़ता है उन सब का विश्वास तब जाकर अपनी मेहनत लगन से समाज और देश में पहचान होती हैं

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आज ऐसी ही हस्ती जो बहुत सहज और सरल व्यक्तित्व की धनी है डॉक्टर आरती साठे ने प्रेस वार्तालाप पर लोकहित एक्सप्रेस न्यूज़ को बताया कि मैं रायपुर छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय बागवानी प्रशिक्षक पद पर पदस्थ हूं  मेरे पिता क्लास वन ऑफिसर थे बचपन अनुशासन में बीत रहा था पर पिता के आदर्शों का गहरा प्रभाव रहा

वह गमलों में पौधों को पानी देते देते कब उनकी भाषा सीख गई यह उन्हें तब पता चला जब वह मेडिकल कॉलेज में सहायक प्राध्याक की नौकरी करते हुए आईएएस बनने की राह पर निकली मगर हुआ वही जो प्रकृति ने चाहा इंटरव्यू के बाद की निराशा ने उन्हें अब उन्हें अदभुत बना दिया था पर्यावरण के करीब ला दिया था इस बीच उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी से ज्यादा महत्व प्रकृति और जन सेवा को दिया और निकल पड़ी प्रकृति के जरिए अपने मन की हरियाली की तलाश में बहुत सालों के संघर्षों कठिनाइयों के बाद डॉक्टर आरती साठे अपने लक्ष्य पर अडिग रहीं उसी का परिणाम है की आज डॉक्टर आरती

को किसी परिचय की आवश्यक नहीं सालों से वो गांव गांव जाकर लोगों से मिलती रहे फिर कुछ सालों बाद अपनी मेहनत पर स्वयं लोगों को प्राकृतिक कृषि उत्पादन और बाजार प्रणाली की ट्रेनिंग देने लगी आज आरती के पास 150,000 से ज्यादा सफल किसान जो प्राकृतिक कृषि कर रहे हैं उनका कुनबा है जो फार्म से लेकर मार्केट तक डायरेक्ट अपनी फसलों को बगैर पेस्टिसाइड के उपयोग से जनता तक पहुंचा रहे हैं डॉक्टर आरती सरकार के साथ एग्रीकल्चर वन विभाग जैसे तमाम विभागों के साथ जोड़कर आदिवासी किसानों महिला समूह स्कूल कॉलेजों में बच्चों और शहरी क्षेत्रों में प्रकृति बागवानी के प्रति ट्रेंड कर रही हैं डॉक्टर आरती अब तक सैकड़ों कार्यशाला का आयोजन देश भर में कर चुकी हैं स्थानीय तौर पर पाए जाने वाले कई संसाधनों से वह उत्पाद तैयार करवाती हैं जिसमें सबसे प्रमुख और डॉक्टर आरती का पसंदीदा विषय जिसमे वो खुद एक्सपर्ट भी है वो है अरोमा थेरेपी जिसके लिए उन्होंने एरोमेटिक पौधों और औषधीय पौधों की बागवानी पर विशेष कार्य किया और अपने प्रशिक्षण में प्रकृति के साथ अदभुत समायोजन में ला कर आम लोगों तक पहुंचा रही है डॉक्टर आरती ने प्रेस वार्तालाप पर लोकहित एक्सप्रेस न्यूज़ को बताया की वो इन सब अलग अलग तरह के पौधों को रोपण के दिन तिथि समय से लेकर पौधे के विकसित होने तक सारी विधियों को ग्रह नक्षत्र राशि और सूर्य किरण और विशेषत चंद्रकला के माध्यम से तैयार करवाती है और उनके साथ इन सब कार्यों में महिला समूह द्वारा फ्लोरीकल्चर

ग्रामीण आदिवासी महिलाओं को खेती द्वारा आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए डॉक्टर आरती ने प्राकृतिक कृषि के जरिए फ्लोरीकल्चर करके इन महिलाओं के जीवन में आर्थिक तरक्की का उजाला किया है आरती ने इन महिला समूहों को कई प्रकार की फूलों के सुगंधित तेलों को निकाल कर बाजार में ऊंचे दामों पर बिकवा कर फ्लोरीकल्चर की एक नई इबारत लिखी है उनके महिला समूह ने गेंदा गुलाब मेंथा नीलगिरी लेमन ग्रास खस रजनीगंधा इत्यादि कई परफ्यूम बेस्ड किस्मों से बेहतर आय का रास्ता सुझाया है डॉक्टर आरती की मेहनत से छत्तीसगढ़ के साथ साथ देश के राज्यों के किसान और शहरी नागरिकों के जीवन में प्रकृति और पर्यावरण के प्रति जिस नव चेतना का संचार हुआ है उसकी तारीफ मीडिया से लेकर सरकार कर रहे हैं

डॉक्टर आरती साठे को कई तरह के राष्ट्रीय और राजकीय पुरस्कार और सम्मानों से नवाजा गया है तभी तो

इतना सारा काम तभी तो छत्तीसगढ़ आपको कर रहा है सलाम

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