जयपुर,(सुरेन्द्र कुमार सोनी) । (जन्माष्टमी के पर्व पर जयपुर के गोविंद देव जी मंदिर में भक्तों ने सुबह 4:30 बजे मंगला झांकी से ठाकुर जी के दर्शन किए। इस बार दर्शन के लिए जलेब चौक से श्रद्धालुओं की लाइन लगी)।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर में सुबह 4:30 बजे मंगला झांकी से ही श्रद्धालुओं के लिए दर्शन व्यवस्था शुरू हो गई। इस बार पास धारक, आमजन प्रवेश बिना जूता-चप्पल, आम जन प्रवेश जूता चप्पल वाले और जगमोहन के लिए चार अलग-अलग लाइन बनाई गई। इन लाइनों से आकर भक्तों ने अपने भगवान के दर्शन का लाभ प्राप्त किया। मंदिर में आने के लिए जलेब चौक से लाइन लगी। इस व्यवस्था को 3150 कार्यकर्ताओं ने संभाला वहीं 1000 से ज्यादा का पुलिस जाब्ता भी तैनात रहा साथ ही एक पुलिस कंट्रोल रूम भी बनाया गया ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। वहीं मौसम को देखते हुए शेड की व्यवस्था की गई है व विशेष फूलों का शृंगार जन्माष्टमी को देखते हुए गोविंद देव जी मंदिर को ‘बधाई है’ और सातिया की पताकाओं से सजाया गया। जन्माष्टमी पर्व के दिन 26 अगस्त को ठाकुर श्रीजी का सुबह मंगला झांकी से पहले पूर्व पंचामृत अभिषेक हुआ। ठाकुर श्रीजी को नवीन पीत वस्त्र और विशेष अलंकार धारण कराए गए। ठाकुर श्रीजी का विशेष फूलों का शृंगार किया गया। मंदिर के मुख्य द्वार और निकास द्वार पर शहनाई वादन हुआ। रात 12:00 बजे 31 तोपों की गर्जना के साथ भगवान का प्राकट्य हुआ। पर्व पर पूरे दिन 1000 पुलिस जवान और 3150 कार्यकर्ताओं ने व्यवस्थाएं संभाली।
*पीली रेशमी पोशाक धारण करी ठाकुर जी ने:
बताया गया कि दर्शनार्थियों को सुगमता से दर्शन हो सके, इसके लिए 13 एलईडी की व्यवस्था की गई। पुलिस प्रशासन की ओर से दर्शनार्थियों की सुरक्षा के लिए 10 मेटल डिटेक्टर लगाए गए। इसमें से होते हुए ही दर्शनार्थीयों ने मंदिर में प्रवेश किया। चिह्नित जगहों पर सीसीटीवी भी लगवाए गए। वहीं मंदिर के मुख्य सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया ठाकुर श्रीजी की पीली रेशमी पोशाक धारण कराई गई। जिसमें राजस्थानी गोटा पत्ती का कार्य किया गया है। पोशाक बनाने में डेढ़ से दो महीने का समय लगा।
*निःशुल्क पंचामृत और पंजीरी वितरण*
उन्होंने बताया कि रात 12 बजे गोविंद अभिषेक के दर्शन खुलें। श्री शालिग्राम पूजन और पांच द्रव्यों के पूजन के बाद ठाकुर श्रीजी का पंचामृत अभिषेक किया गया। अभिषेक के लिए 425 लीटर दूध, 365 किलो दही, 11 किलो घी, 85 किलो बूरा, 11 किलो शहद का उपयोग किया गया। दूध, दही, घी देसी नस्ल की गाय का ही होगा। इस दौरान 6 पंडितो ने वेद पाठ किया। अभिषेक के बाद ठाकुरजी को विशेष भोग अर्पण किया गया जिसमें पंजीरी लड्डू, खिरसा और रबड़ी कुल्लड़ का भोग शामिल है। अभिषेक के बाद सभी भक्तों में निःशुल्क पंचामृत और पंजीरी वितरण जय निवास बाग में बने प्रसादी मंच से किया गया।
*गोविंद देव जी में दर्शन का समय*
मंगला आरती : सुबह 4:30 से 6:45 बजेधूप आरती :
सुबह 7:30 से 9:30 बजे
शृंगार आरती : सुबह 9:45 से 11:30 बजे
राजभोग आरती : सुबह 11:45 से दोपहर 1:30 बजे
ग्वाल आरती : शाम 4 से 6:30 बजे
संध्या आरती : शाम 6:45 से 8:30 बजे
शयन आरती : रात 9:15 से 10:30 बजे
मंगला आरती (27 अगस्त) : रात 11 से 11:15 बजे
तिथि पूजन : रात 12 बजे से 12
कृपया अपनी खबरें, सूचनाएं या फिर शिकायतें सीधे editorlokhit@gmail.com पर भेजें। इस वेबसाइट पर प्रकाशित लेख लेखकों, ब्लॉगरों और संवाद सूत्रों के निजी विचार हैं। मीडिया के हर पहलू को जनता के दरबार में ला खड़ा करने के लिए यह एक सार्वजनिक मंच है।
https://www.lokhitexpress.com
“लोकहित एक्सप्रेस” फेसबुक लिंक क्लिक आगे शेयर जरूर करें ताकि सभी समाचार आपके फेसबुक पर आए।
https://www.facebook.com/Lokhitexpress/
“लोकहित एक्सप्रेस” YouTube चैनल सब्सक्राईब करें :-
https://www.youtube.com/lokhitexpress
“लोकहित एक्सप्रेस” समाचार पत्र को अपने सुझाव देने के लिए क्लिक करें :-
https://g.page/r/CTBc6pA5p0bxEAg/review