जगाधरी।21 अगस्त:हनुमान गेट स्थित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान आश्रम में दिव्य गुरू आशुतोष महाराज जी के तत्वावधान में राखी का त्योहार बड़े ही विलक्षण ढंग से मनाया गया।कार्यक्रम के दौरान सभी नगर निवासियों को पौधों का वितरण किया गया। मंच संचालन करते हुए प्रवक्ता सुयशा भारती जी ने उपस्थित भक्तजनों को संबोधित करते हुए कहा कि राखी का त्योहार रक्षा पर्व के नाम से जाना जाता है जिसमें बहन अपने भाई को रक्षासूत्र बाँधती है और भाई उसकी आजीवन रक्षा का संकल्प लेता है। आज हमारी प्रकृति सम्पूर्ण मानव जाति से सुरक्षा की गुहार कर रही है। धरती माता की दुर्दशा हम से छिपी हुई नहीं है।कहीं जल स्तर निरंतर घट रहा है और कहीं बाढ़ जैसी स्थिति होने के कारण सामान्य जीवन भी अस्त व्यस्त हो चुका है।ये आपदाएँ प्रकृति की पीड़ा का संकेत हैं जिन्हें प्रकृति संपूर्ण मानव जाति को चेतावनी स्वरूप में दे रही है। भारत भूमि में आज भी कई स्थान ऐसे हैं जहाँ जीवन में प्रकृति के संरक्षण को ही प्रथम स्थान दिया जाता है।राजस्थान के राजसमंद ज़िले का एक छोटा सा आदर्श ग्राम पिपलांत्री में बेटी का जन्म होने पर एक सौ ग्यारह वृक्षों का रोपण किया जाता है और निरंतर उन वृक्षों की देखभाल भी की जाती है। उस ग्राम की सभी बेटियां वृक्षों को राखी बाँधती है। ऐसे ग्राम को आदर्श बनाकर उसका अनुसरण हम सभी को करना होगा।आज दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान संरक्षण प्रकल्प के द्वारा हमारी प्रकृति को पुनःउसके वास्तविक स्वरूप में लाने का अथक प्रयास कर रहा है।संस्थान के द्वारा चलाया जा रहा संतुलन प्रकल्प भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियों को समाज से उखाड़ कर बाहर फेंकने का कार्य कर रहा है।आज हम सभी को एक जुट होकर प्रकृति एवं पर्यावरण को संरक्षित करना होगा तभी हम अपनी भावी पीढ़ी को एक सुरक्षित भविष्य प्रदान कर सकते हैं।जल,वायु और अन्न सहज अवश्य ही मिल जाते हैं लेकिन ये अनमोल हैं और इनके बिना धरती पर जीवन संभव नहीं है।जब जब मनुष्य अपने कर्तव्य को भूलकर स्वार्थ के पीछे लग जाता है तभी उसके जीवन का पतन होता है।जब हम अपना कर्तव्य पूर्ण निष्ठा एवं दृढ़ संकल्पित होकर निभाएंगे तो प्रकृति एवं पर्यावरण स्वयं ही संरक्षित हो जाएंगे इसके लिए पहले हमें यह जानना होगा कि हमारा कर्तव्य क्या है फिर उस पर निरंतर कार्य करना होगा। आज प्रकृति का संरक्षण ही हमारा परम कर्तव्य है।हम सामर्थ्य अनुसार अपने हिस्से का योगदान देकर प्रकृति को संरक्षित करें तभी हम इस प्रकृति द्वारा मिले पंच भौतिक शरीर का ऋण उतार पाएंगे। कार्यक्रम के दौरान पौधों का वितरण करने के साथ साथ उनका रिकॉर्ड भी बनाया गया जिसके तहत हर महीने उस पौधे की जानकारी पौधा लेने वाले से प्राप्त की जाएगी और उसका भलीभाँति संरक्षण भी किया जाएगा। इस मौके पर डॉ जितेंद्र शर्मा होम्योपैथी स्पेशलिस्ट जगाधरी, गुरमेल सिंह व उनके अन्य साथियों ने पौधारोपण दिव्या ज्योति आश्रम के प्रांगण में किया।
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